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भीषण गर्मी से AC की बिक्री में बंपर इजाफ, देश में रिकॉर्ड स्तर पर

Gulabi Jagat
2 May 2022 3:08 PM GMT
भीषण गर्मी से AC की बिक्री में बंपर इजाफ, देश में रिकॉर्ड स्तर पर
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AC की बिक्री में बंपर इजाफ
गर्मियों (Heatwave) की शुरुआत के साथ ही घरों में इस्तेमाल होने वाले एयर कंडीशनर (AC) की मांग काफी तेज हो गई है. इस साल अप्रैल में प्रमुख एसी कंपनियों (AC Companies) की बिक्री (AC Sales) रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है और आगे भी यह सिलसिला जारी रहने की उम्मीद है. वोल्टास, पैनासोनिक, हिताची, एलजी और हायर जैसी कंपनियों ने पिछले महीने एसी की बिक्री में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की है. उद्योग के कारोबारियों के मुताबिक, पिछले साल अप्रैल में कोविड-19 महामारी (Covid-19 Pandemic) की दूसरी लहर की वजह से निचले आधार के असर और दबी हुई मांग के निकलने से बिक्री का आंकड़ा बढ़ा है. उन्होंने कहा कि इस साल अप्रैल में एसी की बिक्री अप्रैल 2019 के महामारी-पूर्व स्तर को पार गई है.
वोल्टास के मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) प्रदीप बक्शी ने कहा कि अप्रैल 2022 में एसी उद्योग ने बिक्री के लिहाज से पिछले साल के सामन महीने की तुलना में असाधारण वृद्धि देखी है. उन्होंने बताया कि बहुत ज्यादा गर्मी पड़ने और पिछले साल के निचले आधार प्रभाव की वजह से गर्मी और बिक्री के कम आधार के कारण इस बार बिक्री 100 फीसदी से अधिक बढ़ी है.
पैनासोनिक ने बेचे 1 लाख से ज्यादा एसी
पैनासोनिक इंडिया के कारोबार प्रमुख गौरव साह ने कहा कंपनी ने इस साल रिकॉर्ड मांग दर्ज की है और अप्रैल के दौरान एक लाख से अधिक एसी बेचें है. उन्होंने कहा कि वे एयर कंडीशनर की रिकॉर्ड मांग देख रहे हैं. इस अप्रैल में पैनासोनिक इंडिया ने 1,00,000 से अधिक इकाइयां बेचीं, जो अप्रैल 2021 की तुलना में 83 फीसदी और अप्रैल 2019 की तुलना में 67 फीसदी अधिक है.
इसके अलावा हिताची ब्रांड नाम से एसी बेचने वाली जॉनसन कंट्रोल्स-हिताची एयर कंडीशनिंग इंडिया की बिक्री अप्रैल 2021 की तुलना में पिछले महीने लगभग दोगुना से अधिक हो गई है. कंपनी को इस श्रेणी में अधिकतम गर्मी के सीजन के दौरान रिकॉर्ड 1,500 करोड़ रुपये की बिक्री की उम्मीद है.
हालांकि, एक तरफ मांग में तेजी आ रही है, दूसरी तरफ सप्लाई साइड की समस्या अभी भी बरकरार है. एसी बनाने में प्रयुक्त कई सारे पार्ट्स उपलब्ध नहीं हैं. चीन में नए सिरे से लॉकडाउन लगाए गए हैं, जिसके कारण कंपोनेंट महंगा हो गया है. इसका असर कीमत पर दिख रहा है. कंपनियों के लिए बढ़ती कीमत चिंता का विषय है.
(भाषा इनपुट के साथ)
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