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बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट: तेजी से हो रहा भूमि अधिग्रहण, 47 फीसदी हिस्से के लिए ठेकों को मिली मंजूरी

Tara Tandi
2 Nov 2020 6:23 PM GMT
बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट: तेजी से हो रहा भूमि अधिग्रहण, 47 फीसदी हिस्से के लिए  ठेकों को मिली मंजूरी
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की महत्वाकांक्षी परियोजना बुलेट ट्रेन (Bullet Train) को तय समय से शुरू करने के लिए काम में तेजी लाई जा रही है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| नई दिल्‍ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की महत्वाकांक्षी परियोजना बुलेट ट्रेन (Bullet Train) को तय समय से शुरू करने के लिए काम में तेजी लाई जा रही है. मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर प्रोजेक्ट (Highspeed Rail Corridor Project) के लिए भूमि अधिग्रहण का काम युद्धस्तर पर चल रहा है. रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव ने बताया कि नवंबर 2020 से ही प्रोजेक्ट का फिजिकल काम शुरू हो जाएगा.

अब तक इतनी जमीन का हुआ अधिग्रहण

बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए गुजरात में भूमि अधिग्रहण का काम सबसे ज्‍यादा तेजी से चल रहा है. गुजरात में आने वाले परियोजना के 86 फीसदी हिस्से के लिए भूमि अधिग्रहण किया जा चुका है. सीआरबी ने उम्मीद जताई है कि अगले महीने तक गुजरात वाले हिस्से में से 95 फीसदी जमीनों का अधिग्रहण कर लिया जाएगा. वहीं, महाराष्ट्र में महज 22 फीसदी भूमि अधिग्रहण ही हो पाया है. सीआरबी के मुताबिक, इसके लिए प्रदेश सरकार से कई दौर की बैठक हो चुकी है. महाराष्ट्र सरकार ने रेलवे को भरोसा दिया है कि काम में तेजी आएगी. यादव ने भरोसा जताया है कि महाराष्ट्र में भी जमीन अधिग्रहण का काम तेज होगा और जल्द ही ठेके दिए जाएंगे.

47 फीसदी हिस्से के लिए ठेकों को मंजूरी

इस 508 किमी लंबी परियोजना में से 47 फीसदी के डिजाइन और कंस्ट्रक्शन वर्क के ठेके को मंजूरी दी जा चुकी है. वापी से वडोदरा के बीच 237 किमी लंबे स्ट्रेच का डिज़ाइन और कंस्ट्रक्शन का ठेका आवंटित किया जा चुका है. इस स्ट्रेच के लिए 24,985 करोड़ रुपये का ठेका दिया गया है. इसके तहत वापी, बिलमोरा, सूरत और भरूच स्टेशनों के स्ट्रेच में काम पूरा किया जाना है. सीआरबी ने कहा कि बहुत जल्द बाकी स्ट्रेच के लिए ठेका दे दिया जाएगा. लार्सन एंड टुब्रो प्रोजेक्ट के लिए सबसे कम 7,289 करोड़ की बिड करने वाली कंपनी है. यह कंपनी कई सिविल और बिल्डिंग का काम करेगी. कंपनी वयडक्ट, ब्रिज, 25 किमी लंबी क्रासिंग ब्रिज, एक सुरंग, सड़क, एक स्टेशन, मेंटेनेन्स डिपो और सब मेंटेनेन्स डिपो का काम करेगी.

बड़ी संख्या में रोजगार भी पैदा होंगे

रेल मंत्रालय के मुताबिक इस परियोजना का काम शुरू होने से बड़े पैमाने पर रोजगार के मौके पैदा होंगे. कंस्ट्रक्शन मेटेरियल और मशीनरी की मांग बढ़ेगी. यही नहीं, बड़ी तादाद में लोगों को स्किल्ड किया जाएगा, जो इस हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के अलावा भविष्य के बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के सपने को साकार करने में अपना योगदान देंगे.

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