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Budget 2022 बड़े जोखिम से निपटने में पूरी तरह सक्षम, जाने

Bhumika Sahu
5 Feb 2022 6:40 AM GMT
Budget 2022 बड़े जोखिम से निपटने में पूरी तरह सक्षम, जाने
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सरकार का अनुमान है कि मार्च 2022 में खत्म होने जा रहे चालू वित्त वर्ष में वास्तविक जीडीपी वृद्धि 9.2 फीसदी होगी। मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने कहा कि यह अनुमान सितंबर तक वित्त वर्ष की पहली छमाही में 13.6 फीसदी वृद्धि के आधार पर जताया गया।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारत के बजट अनुमान को सावधानीपूर्वक रखा गया है। इससे सरकार के लिए व्यापक आर्थिक मोर्चे पर मौजूदा हालात और महामारी से उत्पन्न जोखिमों से अगले वर्ष निपटने के लिए गुंजाइश है। सरकार का अनुमान है कि मार्च 2022 में खत्म होने जा रहे चालू वित्त वर्ष में वास्तविक जीडीपी वृद्धि 9.2 फीसदी होगी। मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने कहा कि यह अनुमान सितंबर तक, वित्त वर्ष की पहली छमाही में 13.6 फीसदी वृद्धि के आधार पर जताया गया।

मूडीज ने कहा कि सरकार ने वृद्धि को लेकर अनुमान सावधानीपूर्वक रखा है। यह इस बात से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2021-22 के संशोधित बजट अनुमान में राजस्व प्राप्तियों में केवल 27.2 प्रतिशत की वृद्धि की संभावना जतायी गयी है। यह मार्च 2022 के अंत में वित्तीय खातों के मिलान के बाद आगे लाभ के लिए कुछ गुंजाइश छोड़ता है।
मूडीज ने रिपोर्ट में कहा कि 2022-23 के बजट में पूंजीगत व्यय पर ध्यान दिया गया जो निकट भविष्य में वृद्धि को समर्थन देगा हालांकि दीर्घकाल में राजकोषीय मजबूती के लिए इससे चुनौतियां भी हैं। बजट में केंद्र का राजकोषीय घाटा कम होकर अगले वित्त वर्ष में 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। जबकि इसके चालू वित्त वर्ष में 6.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
इसमें कहा गया, ''ऐेसे समय जब महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही है, निकट भविष्य में वृद्धि की रफ्तार को बनाए रखने के लिए बजट में पूंजीगत व्यय बढ़ाने पर जोर दिया गया है।'' मूडीज ने कहा, ''हालांकि भारत के बजट अनुमान को सावधानीपूर्वक रखा गया, इससे सरकार के लिए व्यापक आर्थिक मोर्चे पर मौजूदा हालात और महामारी से उत्पन्न जोखिमों से अगले वर्ष निपटने के लिए गुंजाइश है। लेकिन इसमें वित्त वर्ष 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 4.5 प्रतिशत लाने का जो लक्ष्य है, उसे कैसे हासिल किया जाएगा, उसके बारे में चीजें साफ नहीं है।''
मूडीज ने कहा, ''बजट धीरे-धीरे वित्तीय मजबूती तथा सरकार के ऋण में लगातार बढ़ोरी के हमारे विचार के अनुरूप है। सरकार पर कर्ज अगले वर्ष जीडीपी का करीब 91 फीसदी हो जाएगा।''


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