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स्टॉक मार्केट में उतार-चढ़ाव का दौर तो बना ही रहता है लेकिन विभिन्न एक्सचेंजों का अपने रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचना अपने आप में किसी भी मार्केट लिए बहुत जरूरी और अच्छी खबर मानी जाती है. फिलहाल जहां Sensex अपने अब तक के सबसे ऊंचे स्तर से लगभग 500 अंक नीचे ट्रेड कर रहा है, वहीं BSE मिडकैप और BSE स्मॉलकैप नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए हैं.
बन गया नया रिकॉर्ड
हाल ही में BSE मिडकैप और BSE स्मॉलकैप एक्सचेंज अपने अब तक सबसे रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचे हैं और इसकी वजह से BSE में लिस्ट कंपनियों की मार्केट-कैप भी रूपए के मामले में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है. BSE में लिस्टेड सभी कंपनियों की कुल मार्केट कैपिटल बढ़कर 292 लाख करोड़ रूपए पर पहुंच गई है. दिसंबर 2022 में जब सेंसेक्स ने 63,583 अंकों का अपना अब तक का सबसे उच्च स्तर प्राप्त किया था तब भी BSE में लिस्टेड कंपनियों की कुल मार्केट कैपिटल बढ़कर 291.25 लाख करोड़ पर पहुंच गई थी.
एक तरफ गिरावट और दूसरी तरफ बढ़त
आज सुबह की ट्रेडिंग के दौरान सेंसेक्स में लगभग 150 अंकों की गिरावट देखने को मिली थी. दूसरी तरफ इसी दौरान BSE मिडकैप 28,215.13 और BSE स्मॉलकैप 32,190.2 अंकों के अपने अब तक के सबसे ऊंचे और रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए. अमेरिका के केंद्रीय बैंक, फेडरल बैंक ने 14 जून को रेट बढ़ाने रोक दिए थे लेकिन मना जा रहा था कि 2023 खत्म होने तक 2 और बार रेट बढ़ाए जाएंगे. इस एक बात की वजह से मार्केट में भावनाओं को काफी ठेस पहुंची थी.
फेडरल ने मार्केट को चौंका दिया
कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी में फिक्स्ड इनकम के CIO दीपक अग्रवाल ने कहा कि FOMC (फेडरल ओपन मार्केट कमेटी) ने पहले रेट बढ़ाने पर रोक लगाकर और मार्केट को सिर्फ एक बार रेट बढ़ाए जाने की उम्मीद थी लेकिन 2023 खत्म होने से पहले 2 बार रेट बढ़ाए जाने की खबर देकर, मार्केट को चौंका दिया था. जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजिस्ट VK Vijayakumar ने जोर देते हुए कहा कि फेडरल को अब उम्मीद है कि 2023 के अंत तक फेड फंड्स रेट 5.6% के आस पास रहेंगे और वहीं 2024 के अंत तक यह रेट 4.6% रहेंगे.
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