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दिल्ली हाई कोर्ट ने शहर की सरकार को BS-3 कमर्शियल डीजल वाहनों को ‘‘नो-एंट्री में हर वक्त प्रवेश की अनुमति’’ परमिट देने या उसके नवीनीकरण के लिए ऑनलाइन पोर्टल के ‘ड्रॉप-डाउन मेन्यू’ में शामिल करने का निर्देश दिया है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दिल्ली हाई कोर्ट ने शहर की सरकार को BS-3 कमर्शियल डीजल वाहनों को ''नो-एंट्री में हर वक्त प्रवेश की अनुमति'' परमिट देने या उसके नवीनीकरण के लिए ऑनलाइन पोर्टल के 'ड्रॉप-डाउन मेन्यू' में शामिल करने का निर्देश दिया है. 'ड्रॉप-डाउन मेन्यू' विकल्पों की एक सूची होती है जो कम्प्यूटर स्क्रीन पर दिखाई देती है जब कोई व्यक्ति मेन्यू के Header पर क्लिक करता है. लंबे समय से अदालत में ये मामला लंबित था और BS-3 वाहनों पर दिल्ली सरकार की रोक के बाद इन वाहनों की राजधानी में एंट्री बैन हो गई थी. अब कमर्शियल BS3 वाहनों की एंट्री राज्य में हो सकती है, हालांकि अब भी ये मामला पूरी तरह अथॉरिट के अंतिम फैसले पर निर्भर करता है.
यातायात नियंत्रण नियम, 1980 के तहत पाबंदी
जस्टिस संजीव सचदेवा ने कहा कि पुलिस कमश्निर ने दिल्ली की सड़कों व गलियों पर वाहन व अन्य यातायात नियंत्रण नियम, 1980 के तहत BS-3 वाहनों पर ऐसे परमिट के लिये पाबंदी संबंधी कोई अधिसूचना जारी नहीं की है और अधिकारियों ने "ऑनलाइन पोर्टल के ड्रॉप-डाउन मेनू में केवल एक विकल्प प्रदान करना छोड़ दिया है." 'फाउंडेशन ऑफ आजादपुर टेम्पो एंड ट्रक वेलफेयर' द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति सचदेवा ने कहा कि चूंकि महज कोई वाहन BS-3 सम्मत है न कि BS-4, तो यह किसी भी तरीके से सड़कों पर भीड़भाड़ को कम करने के उद्देश्य को हासिल नहीं करेगा.
दिल्ली सरकार तथा दिल्ली पुलिस को निर्देश
याचिकाकर्ता ने प्रतिवादियों, दिल्ली सरकार तथा दिल्ली पुलिस को यह निर्देश देने का अनुरोध किया कि वे BS-3 मानकों वाले कमर्शियल डीजल वाहनों के मालिकों को फलों तथा सब्जियों जैसे आवश्यक सामान की आपूर्ति करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में चलने के वास्ते ''हर वक्त नो-एंट्री में प्रवेश की अनुमति' परमिट देने के लिए आवदेन करने की मंजूरी दें. बहरहाल, अदालत ने स्पष्ट किया कि उसके आदेश के बावजूद प्राधिकारी बीएस-थ्री वाहनों को आवदेन करने के लिए बाहर रखने के वास्ते उचित अधिसूचना जारी कर सकते हैं.
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