तीन दिनों से भारतीय बाजार में छायी मायुसी हफ्ते के अंतिम व्यवसायी दूर हुई। सुबह से बाजार हरे निशान के साथ खुला और पूरे दिन जमकर कारोबार हुआ। शुक्रवार को कारोबारियों ने 1.71 लाख करोड़ का फायदा कमाया। बीएसई सेंसेक्स में 480 अंक से अधिक की तेजी रही। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुल मिलाकर मजबूत रुख के बीच एचडीएफसी बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज तथा इन्फोसिस में तेजी के साथ बाजार फायदा में रहा। तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 480.57 अंक यानी 0.74 फीसदी की तेजी के साथ 65,721.25 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 558.59 अंक तक उछल गया था। नेशनल स्टॉक एक्सजेंच का निफ्टी भी 135.35 अंक यानी 0.70 फीसदी की बढ़त के साथ 19,517 अंक पर बंद हुआ। साप्ताहिक आधार पर बीएसई सेंसेक्स 438.95 अंक यानी 0.66 फीसदी और निफ्टी 129.05 अंक यानी 0.65 फीसदी के हानि में रहा है।
बाजार को मिली थोड़ी राहत
रेलिगेयर ब्रोकिंग लि। के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (तकनीकी शोध) अजित मिश्रा ने बोला कि हाल की गिरावट के बाद बाजार ने थोड़ी राहत ली और आधा फीसदी से अधिक मजबूत हुआ। बाजार में आरंभ तेजी के साथ हुई। उसके बाद निफ्टी सीमित दायरे में रहा और अंत में 19,517 अंक के स्तर पर बंद हुआ। क्षेत्रवार मिला-जुला रुख रहा। आईटी, औषधि और बैंक फायदा में रहे। सेंसेक्स के शेयरों में इंडसइंड बैंक में सबसे अधिक 3.25 फीसदी की तेजी रही। इसके अतिरिक्त टेक महिंद्रा, विप्रो, भारती एयरटेल, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, आरआईएल, टीसीएस, एलएंडटी तथा इन्फोसिस में प्रमुख रूप से फायदा में रहे। दूसरी तरफ भारतीय स्टेट बैंक, एनटीपीसी, मारुति सुजकी, बजाज फिनसर्व, टाटा मोटर्स और पावरग्रिड 2.94 फीसदी तक हानि में रहे।
बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक 0.66 फीसदी हुआ मजबूत
बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक 0.66 फीसदी जबकि मिडकैप 0.65 फीसदी मजबूत हुआ। एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग फायदा में जबकि दक्षिण कोरिया का कॉस्पी हानि में रहा। यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में तेजी का रुख रहा। अमेरिकी बाजार बृहस्पतिवार को हल्की रूप से हानि में रहे। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बृहस्पतिवार को 317.46 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे। अंतरराष्ट्रीय ऑयल मानक ब्रेंट क्रूड 0.62 फीसदी की बढ़त के साथ 85.67 $ प्रति बैरल पर पहुंच गया।
रुपया आठ पैसे की गिरावट के साथ दो माह के निचले स्तर 82.82 प्रति $ पर
अमेरिकी $ के मुकाबले रुपया शुक्रवार को आठ पैसे की गिरावट के साथ दो माह के भी अधिक के निचले स्तर 82.82 प्रति $ (अस्थायी) पर बंद हुआ। सुरक्षित निवेश के विकल्प के रूप में $ की मांग बढ़ने और कच्चे ऑयल कीमतों में मजबूती आने से रुपये की धारणा कमजोर हुई। बाजार विश्लेषकों ने बोला कि विदेशी कोषों की निकासी से भी रुपये पर दबाव रहा। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 82.73 पर खुला। दिन में कारोबार के दौरान यह 82.72 के उच्चस्तर तक गया तथा 82.85 के निचले स्तर तक आया। अंत में यह अपने पिछले बंद रेट से आठ पैसे गिरकर 82.82 प्रति $ (अस्थायी) पर बंद हुआ। पिछले व्यवसायी सत्र में रुपया $ के मुकाबले 82.74 पर बंद हुआ था। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के अध्ययन विश्लेषक, दिलीप परमार ने बोला कि सुरक्षित-निवेश के विकल्प के रूप में $ की मांग बढ़ने और कच्चे ऑयल की ऊंची कीमतों के बाद भारतीय रुपया निचले स्तर पर बंद हुआ।
EPFO Interest Rate: गवर्नमेंट ने कर्मचारियों को दिया बड़ा तोहफा, खाते में आने वाला है इतना ब्याज, जानें पूरी डिटेल
तेल में गर्मी जारी
बीते हफ्ते में विदेशी संस्थागत निवेशकों ने घरेलू शेयर बाजार में 27.3 करोड़ $ के शेयर बेचे हैं। वहीं इस दौरान रुपया लगभग 0.7 फीसदी नीचे आया है। इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी $ की स्थिति को दर्शाने वाला $ सूचकांक 0.01 फीसदी गिरकर 102.53 रह गया। अंतरराष्ट्रीय ऑयल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.68 फीसदी बढ़कर 85.72 $ प्रति बैरल के रेट पर रहा। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 480.57 अंक बढ़कर 65,721.25 अंक पर बंद हुआ। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में सही बिकवाल रहे और उन्होंने पिछले व्यवसायी सत्र में 317.46 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।