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IGI Airport: इंदिरा गांधी इंटरनेशनल पर टेकऑफ से पहले हीएयरपोर्ट विमान में लगे ब्रेक

Deepa Sahu
7 Jun 2024 8:33 AM GMT
IGI Airport:  इंदिरा गांधी इंटरनेशनल पर टेकऑफ से पहले हीएयरपोर्ट विमान में लगे ब्रेक
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IGI Airport: दिल्‍ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से हांगकांग जाने वाली इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाइट 6E-1707 की बोर्डिंग पूरी हो चुकी थी. विमान के गेट बंद होने को ही थे, तभी अचानक एयरोब्रिज साइड पर चहलकदमी बहुत तेज हो गई. तभी तेज कदमों इमीग्रेशन ब्‍यूरो के अधिकारियों के साथ कुछ एयरलाइंस और सिक्‍योरिटी का स्‍टाफ विमान में दाखिल हुआ. इन सभी की निगाहें फ्लाइट में बैठे मुसाफिरों को बड़ी गौर से निहारने लगीं.
कुछ ही पलों के बाद इमीग्रेशन अधिकारियों की निगाहें एक-एक कर तीन मुसाफिरों पर जा कर रुक गई. वहीं, इमीग्रेशन ब्‍यूरो के अधिकारियों का इशारा पाते ही सिक्‍योरिटी स्‍टाफ ने तीनों यात्रियों को हिरासत में ले लिया. इन तीनों यात्रियों को सिक्‍योरिटी स्‍टाफ की निगरानी में बाहर लाया गया, जिसके बाद इस विमान को उसके गंतव्‍य के लिए रवाना होने की इजाजत दे दी गई. वहीं, इस पूरे घटना क्रम से विमान में बैठे तमाम यात्री सकते में आ गए.
क्‍यों हिरासत में लिए गए तीनों यात्री? एयरपोर्ट सुरक्षा से जुड़े वरिश्‍ठ अधिकारी के अनुसार, हिरासत में लिए गए यात्रियों की पहचान तमिलनाडु के तिरुपपुर निवासी जिग्‍नेशन रविचं‍द्रन, मोहन प्रसाद सेंथिल और तरुमूर्ति अविनासिअप्‍पन के रूप में हुई है. तीनों यात्री इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाइट 6E-1707 से हांगकांग जाने के लिए आईजीआई एयरपोर्ट पहुंचे थे. इन तीनों के पासपोर्ट पर लगा सेंगन वीजा फर्जी पाया गया था, जिसकी वजह से तीनों को विमान से हिरासत में लिया गया‍ था.
फ्लाइट तक कैसे पहुंचे तीनों यात्री? एयरपोर्ट सुरक्षा से जुड़े वरिश्‍ठ अधिकारी ने बताया कि इमीग्रेशन जांच के दौरान तीनों यात्रियों ने हांगकांग जाने के लिए प्री-अराइवल रजिस्‍ट्रेशन डॉक्‍यूमेंट दिखाया था, जो एक तरह का ऑन अराइवल वीजा है. इसी प्री-अराइवल रजिस्‍ट्रेशन के आधार पर तीनों का इमीग्रेशन चेक एप्रूव किया गया था, जिसके बाद तीनों ने सिक्‍योरिटी चेक पूरा किया और विमान में बोर्डिंग के लिए चले गए. इमीग्रेशन एरिया से जाने के बाद इन तीनों के असल इरादों की भनक लग पाई.
कैसे हुआ असल मंसूबों का खुलासा? इमीग्रेशन जांच के दौरान, इन तीनों केPassport पर लगे अधिकारियों ने इनके पासपोर्ट पर लगे अन्‍य वीजा को भी स्‍कैन किया था. इनमें से एक यात्री के शेंगेन वीजा पर शक होने के बाद उसको वैरिफकेशन के लिए भेजा गया. वैरिफकेशन में पता चला कि यह शेंगेन वीजा फर्जी है, जिसके बाद अन्‍य दोनों यात्रियों के शेंगेन वीजा का वैरिफकेशन कराया गया, जिसमें ये दोनों वीजा भी फर्जी पाए गए. समय रहते हुए इस खुलासे के चलते तीनों यात्रियों को हिरासत में ले लिया गया.
हांगकांग के लिए शेंगेन वीजा क्‍यों? यहां सवाल यह उठता है कि जब इन यात्रियों को हांगकांग जाना था और वहां का प्री-अराइवल रजिस्‍ट्रेशन तीनों यात्रियों के पास था, तो तीनों ने फर्जी शेंगेन वीजा अपने पासपोर्ट पर क्‍यों चिपकाया? दरअसल, जांच में यह पता चला कि तीनों भारतीय एयरपोर्ट से सुरक्षित निकलने के लिए हांगकांग का प्री-अराइवल रजिस्‍ट्रेशन इस्‍तेमाल कर रहे थे. हांगकांग पहुंचने के बाद तीनों को पोलैंड के लिए रवाना होना था. ये अपने असल मंसूबों में सफल होते, इससे पहले पकड़ लिए गए.
अब क्‍या होंगी इन पर कार्रवाई? इमीग्रेशन ब्‍यूरो ने तीनों यात्रियों को आईजीआईairport पुलिस के हवाले कर लिया है. वहीं, आईजीआई एयरपोर्ट थाना पुलिस ने इमीग्रेशन ब्‍यूरो की शिकायत के आधार पर तीनों यात्रियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420/468/471 और 12 पासपोर्ट एक्‍ट के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है. तीनों यात्रियों से पुलिस की पूछताछ जारी है.
Deepa Sahu

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