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बीपीसीएल आने वाले समय में कुल 19000 पेट्रोल पंप में से 7000 पंप को एनर्जी स्टेशन में तब्दील करेगी.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क :- बीपीसीएल आने वाले समय में कुल 19000 पेट्रोल पंप में से 7000 पंप को एनर्जी स्टेशन में तब्दील करेगी. इस एनर्जी स्टेशन पर एक साथ पेट्रोल, डीजल, फ्लेक्सी फ्यूल, ईवी चार्जिंग पॉइंट. सीएनजी और हाइड्रोजन की सुविधा साथ-साथ मिलेगी.निजीकरण की राह पर अग्रसर भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) ने एक बड़ा ऐलान किया है. इस सरकारी कंपनी ने कहा है कि अगले 5 साल में वह पेट्रोकेमिकल प्रोडक्शन में 1 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगी. बीपीसीएल के मुताबिक कंपनी पेट्रोकेमिकल के साथ गैस बिजनेस, क्लीन फ्यूल और मार्केटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने पर पैसा खर्च करेगी. कंपनी के चेयरमैन अरुण कुमार सिंह ने सोमवार को यह जानकारी दी.
बीपीसीएल यह निवेश भविष्य की जरूरतों को देखते हुए करने जा रहा है क्योंकि आने वाले समय में परंपरागत ईंधन और जीरो कार्बन मोबिलिटी साथ-साथ चलेंगे. जीरो कार्बन में बिजली गाड़ियों और हाईड्रोजन फ्यूल का बड़ा रोल होगा. बीपीसीएल कच्चे तेल को सीधा हाई वैल्यू पेट्रोकेमिकल में बदलने के तरीकों पर भी काम कर रही है. बीपीसीएल देश का दूसरा सबसे बड़ा फ्यूल रिटेलर है और यह भविष्य में 1,000 मेगावॉट का रिन्यूएबल पावर जनरेशन कैपिसिटी खड़ा करने जा रही है. बीपीसीएल इस ऊर्जा से जुड़ी कपनियों का अधिग्रहण करेगी, साथ ही बायोफ्यूल और हाइड्रोजन में निवेश करेगी.
किस क्षेत्र में कितना होगा खर्च
बीपीसीएल आने वाले समय में कुल 19000 पेट्रोल पंप में से 7000 पंप को एनर्जी स्टेशन में तब्दील करेगी. इस एनर्जी स्टेशन पर एक साथ पेट्रोल, डीजल, फ्लेक्सी फ्यूल, ईवी चार्जिंग पॉइंट. सीएनजी और हाइड्रोजन की सुविधा साथ-साथ मिलेगी. कंपनी के चेयरमैन ने एक बयान में कहा, आने वाले वर्षों में बीपीसीएल ने निवेश का बड़ा प्लान बनाया है. कंपनी ग्रुप लेवल पर 1 लाख करोड़ रुपये निवेश करेगी और इसका अधिकांश हिस्सा पेट्रोकेमिकल पर खर्च होगा. रिफाइनिंग की क्षमता बढ़ाने के लिए 30,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, गैस वितरण के लिए 20,000 करोड़ खर्च होंगे, गैस और तेल के कुएं खोजने पर 18,000 करोड़ और फ्यूल मार्केटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने पर 18, 000 करोड़ रुपये खर्च होंगे. बीपीसीएल रिन्यूएबल एनर्जी पर 5000 करोड़ और बायोफ्यूल पर 7,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी.
पेट्रोकेमिकल के उत्पादन पर जोर
बीपीसीएल अभी 3 रिफाइनरी चलाती है जिनमें मुंबई, कोच्चि और बिना शामिल हैं. कोच्चि रिफाइनरी केरल में और बिना रिफाइनरी मध्य प्रदेश में है. इन रिफाइनरी में कच्चे तेल को पेट्रोल और डीजल में बदला जाता है. कंपनी अपनी रिफानरी में पेट्रोकेमिकल यूनिट लगा रही है. इसमें सबसे नया पेट्रोकेमिकल यूनिट कोच्चि में है. यहां कच्चे तेल में वैल्यू एडिशन कर स्पेशल केमिकल तैयार किए जा रहे हैं. यह यूनिट फरवरी 2021 में शुरू हो चुकी है.
सरकार 2030 तक पूरे ईंधन में 15 परसेंट हिस्सा क्लीन नेचुरल गैस का करना चाहती है जो अभी 6.2 परसेंट है. इसके लिए बीपीसीएल बड़ा प्रयास कर रही है. इसी के तहत सिटी गैस नेटवर्क में बड़ा निवेश किया जा रहा है और 12 एलएनजी फ्यूल स्टेशन बनाए जा रहे हैं. बीपीसीएल के पास देश के 37 जगहों का रिटेल सीएनजी और पाइप्ड नेचुरल गैस का लाइसेंस है.
1000 चार्जिंग स्टेशन बनाएगी कंपनी
बीपीसीएल और उसकी सहयोगी कंपनियों के पास अभी 1,393 सीएनजी स्टेशन हैं. अगले कुछ साल में यह संख्या और तेजी से बढ़ेगी. कंपनी बैटरी पर चलने वाली गाड़ियों पर भी गौर फरमा रही है और इसका ध्यान दो-पहिया और तिपहिया वाहनों के क्षेत्र पर लगा है. कंपनी ने देश के 44 पेट्रोल पंप पर ईवी चार्जिंग स्टेशन बनाए हैं जो कि बड़े-बड़े शहरों में हैं. 2023-24 तक 1000 चार्जिंग स्टेशन बनाने की तैयारी है. बीपीसीएल ने कोच्चि और लखनऊ में तिपहिया वाहनों के लिए बैटरी बदलने का काम भी शुरू किया है. कंपनी सौर और वायु ऊर्जा पर भी ध्यान दे रही है. आगे चलकर हाइड्रोजन का उत्पादन बढ़ाया जाएगा जो सबसे स्वच्छ ऊर्जा का स्रोत है.
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