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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। BPCL disinvestment: सरकार निजीकरण को लेकर सख्त है. लेकिन कई सरकारी विभाग के कर्मचारी इसके विरोध में समय-समय पर हड़ताल कर रहे हैं. इस बीच एक बड़ी खबर सामने आई है कि अब सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) का प्राइवेटाइजेशन (Privatization) नहीं करेगी.
सरकार ने रोकी बोलियां
दरअसल, सरकार को इस कंपनी का खरीदार नहीं मिलने के कारण बीपीसीएल के प्राइवेटाइजेशन को रोकना पड़ा है. बीपीसीएल के रणनीतिक विनिवेश के लिए वर्तमान ईओआई प्रक्रिया को सरकार ने बंद कर दिया. इसी के साथ अब आज बीपीसीएल ने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में जानकारी दी है कि डेटा रूम सहित भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड में सरकार की हिस्सेदारी के विनिवेश के संबंध में सभी गतिविधियां बंद की जा रही हैं.
सरकार करने वाली थी प्राइवेट
गौरतलब है कि सरकार की BPCL में 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जिसे सरकार पूरी तरह से बेचना चाहती थी. बाद में ये खबर सामने आई कि सरकार इस कंपनी में 25-30 फीसदी हिस्सेदारी बेच सकती है. लेकिन, अब खरीदार नहीं मिलने के चलते सरकार की योजना को तगड़ा झटका लगा है.
सरकार ने कही ये बात
सरकार ने इस पर अपना बयान दिया है. निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) के अनुसार, 'कोरोनोवायरस महामारी और भू-राजनीतिक स्थितियों ने दुनिया भर के सेक्टर्स खासकर तेल और गैस उद्योग को प्रभावित किया है. DIPAM के अनुसार, 'ग्लोबल एनर्जी मार्केट में मौजूदा परिस्थितियों के कारण, अधिकांश क्यूआईपी (क्वालिफाइड इंटरेस्टेड पार्टीज) ने बीपीसीएल के विनिवेश की मौजूदा प्रक्रिया को जारी रखने में असमर्थता व्यक्त की है.' दीपम ने कहा कि विनिवेश पर जीओएम बीपीसीएल के रणनीतिक विनिवेश के लिए मौजूदा ईओआई प्रक्रिया को रोक दिया गया जाएगा और क्यूआईपी से प्राप्त ईओआई को रद्द कर दिया जाएगा.
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