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बिटकॉइन की कीमतों में तेजी, Ethereum, Dogecoin में भी उछाल, जाने

Bhumika Sahu
12 Dec 2021 6:51 AM GMT
बिटकॉइन की कीमतों में तेजी, Ethereum, Dogecoin में भी उछाल, जाने
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बिटकॉइन 2 फीसदी से ज्यादा की तेजी के साथ 39,71,544 रुपये पर पहुंच गया. वहीं, Ethereum की कीमतें समान बढ़ोतरी के साथ 3,27,111.0 पर आ गईं हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कुल क्रिप्टोकरेंसी मार्केट कैपिटलाइजेशन पिछले 24 घंटों के दौरान 2.20 ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर 2.27 ट्रिलियन डॉलर पर पहुंच गया है. जबकि, ट्रेडिंग वॉल्यूम शनिवार को 106.65 अरब डॉलर से गिरकर 78 अरब डॉलर पर आ गया है. बड़ी क्रिप्टोकरेंसी की बात करें, तो बिटकॉइन 2 फीसदी से ज्यादा की तेजी के साथ 39,71,544 रुपये पर पहुंच गया. वहीं, Ethereum की कीमतें समान बढ़ोतरी के साथ 3,27,111.0 पर आ गईं हैं.

दूसरी तरफ, Cardano भी 11 फीसदी से ज्यादा के उछाल के साथ 111.3999 रुपये पर पहुंच गई. जबकि, Avalanche 2 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 6,795.358 रुपये पर मौजूद है. वहीं, Polkadot करीब 2 फीसदी की गिरावट के साथ 2,244.11 रुपये पर आ गया है. Litecoin 12,538 रुपये के स्तर पर ट्रेड कर रहा है. इस क्रिप्टोकरेंसी में पिछले 24 घंटों के दौरान एक फीसदी से ज्यादा की तेजी देखी गई है.
Binance Coin में गिरावट
वहीं, Tether 0.91 फीसदी की गिरावट के साथ 80.25 रुपये पर पहुंच गया है. जबकि, Binance Coin 1.02 फीसदी की गिरावट के साथ 45,051 रुपये पर आ गया. XRP की बात करें, तो यह क्रिप्टोकरेंसी 2 फीसदी की तेजी के साथ 67 रुपये पर पहुंच गई. दूसरी तरफ, Dogecoin की कीमतें 0.95 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 13.5673 रुपये पर पहुंच गईं हैं.
बिटकॉइन में उतार-चढ़ाव जारी रहता है. नवंबर की शुरुआत में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद इसमें 21,000 डॉलर की गिरावट देखी गई है. बिटक्वॉइन में पिछले एक साल में चार गुना से ज्यादा की तेजी देखी गई है. इसकी वजह अमेरिका में बिटक्वॉइन फ्यूचर्स बेस्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETFs) के लॉन्च को लेकर बेहतर माहौल और डिजिटल एसेट के क्षेत्र पर चीन के प्रतिबंधों जैसे मामलों को लेकर चिंताओं में कमी आना रहा है.
निवेश के तौर पर क्रिप्टोकरेंसी बना पॉपुलर विकल्प
आपको बता दें कि निवेश के तौर पर क्रिप्टोकरेंसी एक लोकप्रिय विकल्प बनकर उभर रहा है. इसकी तरफ दुनिया भर के निवेशकों का रूझान बढ़ रहा है.
सरकार ने हाल में ही कहा भी था कि वह बिटकॉइन के ट्रांजैक्शंस को ट्रैक नहीं कर रही है. यानी सरकार को नहीं पता कि कहां से कितना पैसा क्रिप्टो ट्रेड में लग रहा है और इसका किस तरह से इस्तेमाल हो रहा है. ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार के बिल में रिजर्व बैंक, सेबी और आयकर अधिकारियों को क्रिप्टो ट्रेड से जुड़े लोगों के KYC डेटा एक्सेस करने की इजाजत होगी. यानी इन एजेंसियों को पता होगा कि कौन बंदा इसमें कितना पैसा लगा रहा है और ये पैसा कहां जा रहा है.


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