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BIS On Footwear: फुटवियर व्यापारियों के लिए बड़ी राहत, DPIIT ने दी आदेश

Tulsi Rao
5 Jun 2022 5:54 AM GMT
BIS On Footwear: फुटवियर व्यापारियों के लिए बड़ी राहत, DPIIT ने दी आदेश
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। BIS On Footwear: बढ़ती महंगाई के बीच सरकार ने फुटवियर विक्रेताओं को बड़ी रहत दी है. सरकार ने फुटवियर उद्योग के अनुरोध पर कार्रवाई करते हुए देश में बने और बेचे जाने वाले फुटवियर के लिए बीआईएस (भारतीय मानक ब्यूरो) के अनुपालन को अनिवार्य करने वाले गुणवत्ता नियंत्रण आदेश को एक और वर्ष के लिए टाल दिया है. गुणवत्ता नियंत्रण आदेश अब एक जुलाई, 2023 से लागू होगा.

कैट ने दी दलील
दरअसल, दिल्ली स्थित कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAT) ने बीते दिनों इस मामले को केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के सामने रखा था. कैट ने यह दलील दी थी की देश भर में फुटवियर बनाने वाले छोटे निर्माताओं और व्यापारी हैं जिनके लिए नकदी के अभाव में गुणवत्ता मानकों का पालन करना मुश्किल होगा. देश की 85 प्रतिशत आबादी सस्ते जूते-चप्पल पहनती है और इसका 90 प्रतिशत उत्पादन गरीब लोग और मोची अपने घरों में या कुटीर उद्दोग में करते हैं. इन जूते-चप्पलों को ज्यादातर छोटे और मध्यम आय के वर्ग के लोग करते हैं.
DPIIT ने दी आदेश
इस विषय पर कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवान ने कहा, 'भारत में फुटवियर निर्माण के बड़े हिस्से पर बीआईएस मानकों को लागू करना असंभव है. भारत में फुटवियर उद्योग में 85 प्रतिशत निर्माता बहुत छोटे पैमाने के हैं और सरकार द्वारा निर्धारित बीआईएस मानकों का पालन करना असंभव होगा.
गौरतलब है कि उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) के एक आदेश जारी करते हुए कहा, 'औद्योगिक और सुरक्षात्मक रबड़ के जूते, पीवीसी सैंडल, रबड़ हवाई चप्पल और मोल्डेड रबड़ के जूते जैसे फुटवियर के लिए नए गुणवत्ता मानदंड लागू रहेंगे. यह आदेश निर्यात के लिए बनी वस्तुओं पर लागू नहीं होगा.'


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