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केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मंत्रिमंडल द्वारा बुधवार को मंजूर की गई सेमीकंडक्टर (अर्धचालक) प्रोत्साहन योजना से अगले 4 सालों में 1.7 लाख करोड़ रुपये का निवेश मिलने और 1.35 लाख रोजगार के अवसरों के पैदावार की उम्मीद है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सेमीकंडक्टर एंड डिस्पले मैन्युफैक्चरिंग (Semiconductor and Display Manufacturing) को बढ़ावा देने के लिए 76,000 करोड़ रुपये के नीतिगत प्रोत्साहन (policy incentives) को मंजूरी दी है. इससे भारत को उच्च-प्रौद्योगिकी उत्पादन (high-technology production) के क्षेत्र में वैश्विक केंद्र बनाया जा सके.
कैसे हुई घोषणा?
यह घोषणा ऐसे वक्त में हुई जब इलेक्ट्रॉनिक चिप की दुनिया भर में कमी है और कई सेमीकंडक्टर कंपनियां अपनी क्षमता को बढ़ा रही हैं. दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने कहा कि इस फैसले से माइक्रोचिप के डिजाइन, मैन्युफैक्चरिंग , पैकिंग और परीक्षण में मदद मिलेगी और एक संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र (ecology) विकसित होगा.
केंद्रीय मंत्री का बयान
योजना का ब्योरा देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए 76,000 करोड़ रुपये के कार्यक्रम को मंजूरी दी गई है. उन्होंने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कहा, 'हमें अगले 4 वर्षों में लगभग 1.70 लाख करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद है. पहले से ही कुछ निवेश प्रस्तावित हैं. हम अगले 3-4 महीनों में सेमीकंडक्टर के लिए परियोजनाओं की उम्मीद करते हैं.' वैष्णव ने कहा,'मध्यम अवधि में 2 से 4 साल में चार बड़े सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन प्लांट स्थापित किए जाएंगे.'
टाटा ने जताई इच्छा
टाटा समूह पहले ही सेमीकंडक्टर विनिर्माण में प्रवेश करने की अपनी मंशा जता चुका है. सूत्रों ने बताया कि वेदांता समूह की एक फर्म भी भारत में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थापित कर सकती है. इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, अगले 4 सालों में दो बड़ी इलेक्ट्रॉनिक्स चिप कंपनियां और 2 डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स, जिनमें से प्रत्येक में 30,000-50,000 करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद है, स्थापित होंगी.
सरकार को योजना से फायदा मिलने की उम्मीद
चिप पैकेजिंग फर्म और कंपाउंड सेमीकंडक्टर कंपनियों सहित लगभग 20 कंपनियां 3,000 से 5,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ तीन साल में परिचालन शुरू कर सकती हैं. वैष्णव का कहना है कि सरकार को उम्मीद है कि अगले चार सालों में इस योजना का लाभ लेने वाली कुल 100 कंपनियां होंगी.
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