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व्यापारियों को दी बड़ी राहत, मोदी सरकार ने GST के लेट पेमेंट पर ब्याज दर में की कमी

Bhumika Sahu
13 Dec 2021 5:27 AM GMT
व्यापारियों को दी बड़ी राहत, मोदी सरकार ने GST के लेट पेमेंट पर ब्याज दर में की कमी
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मोदी सरकार ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में कारेाबारियों को बड़ी राहत दी है। जीएसटी लेट पेमेंट पर लगने वाले ब्याज को वित्त मंत्रालय ने घटा दिया है। देर से टैक्स जमा करने पर लगने वाला 18 फीसद ब्याज अब घटकर शून्य से 9 फीसद तक रह गया है। वित मंत्रालय ने ट्विट के जरिए विस्तृत जानकारी दी है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मोदी सरकार ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में कारेाबारियों को बड़ी राहत दी है। जीएसटी लेट पेमेंट पर लगने वाले ब्याज को वित्त मंत्रालय ने घटा दिया है। देर से टैक्स जमा करने पर लगने वाला 18 फीसद ब्याज अब घटकर शून्य से 9 फीसद तक रह गया है। वित मंत्रालय ने ट्विट के जरिए विस्तृत जानकारी दी है।

5 करोड़ से अधिक टर्नओवर वाले व्यापारियों को अब टैक्स पीरियड मार्च, अप्रैल और मई 2021 के लेट पेमेंट के लिए पहले 15 दिनों के लिए कोई विलंब शुल्क नहीं देना होगा। इसके बाद अगले 15 दिने के लिए केवल 9 फीसद ही चार्ज किया जाएगा। इसके बाद अगर कोई जीएसटी जमा करता है तो उसे 18 फीसद विलंब शुल्क चुकाना पड़ेगा।

रिकॉर्ड कलेक्शन
नवंबर महीने में ग्रॉस जीएसटी कलेक्शन 1,31,526 करोड़ रुपये का हुआ। बता दें कि अक्टूबर, 2021 में जीएसटी कलेक्शन 1,30,127 करोड़ रुपये रहा। इसमें सीजीएसटी 23,861 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 30,421 करोड़ रुपये, आईजीएसटी 67,361 करोड़ रुपये और उपकर (सेस) 8,484 करोड़ रुपये शामिल हैं। अक्टूबर के दौरान जीएसटी रेवेन्यू, जीएसटी लागू होने के बाद से दूसरा सबसे बड़ा मासिक संग्रह था।
नवंबर के कलेक्शन में सीजीएसटी 23,978 करोड़ रुपए, एसजीएसटी 31,127 करोड़ रुपए, आईजीएसटी 66,815 करोड़ रुपए और उपकर 9,606 करोड़ रुपए है। लगातार दूसरे महीने सकल जीएसटी संग्रह 1.30 लाख करोड़ रुपए को पार कर गया है। नवंबर 2021 के महीने का राजस्व पिछले साल के इसी महीने में जीएसटी राजस्व से 25 फीसदी अधिक और 2019-20 से 27 फीसदी अधिक है।
माल और सेवा कर (जीएसटी) का कलेक्शन नवंबर में बढ़कर 1.31 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया, जो जुलाई 2017 में इसके लागू होने के बाद से दूसरा सबसे अधिक कलेक्शन है। उच्च जीएसटी राजस्व की हालिया प्रवृत्ति विभिन्न नीति और प्रशासनिक उपायों का परिणाम है, जो अतीत में अनुपालन में सुधार के लिए उठाए गए हैं। पिछले एक साल में सुधार के लिए कई कदम उठाए गए हैं।


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