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गौतम अडानी (Gautam Adani) को महाराष्ट्र से एक अच्छी खबर मिली है. एकनाथ शिंदे सरकार ने मुंबई में स्थित एशिया के सबसे बड़े स्लम एरिया धारावी (Dharavi Slum) को संवारने का जिम्मा अडानी समूह (Adani Group) को सौंपा है. इस प्रोजेक्ट के तहत करीब 20,000 करोड़ रुपए में मध्य मुंबई में स्थित 259 हेक्टेयर में फैली धारावी झुग्गी बस्ती का रीडेवलपमेंट किया जाएगा. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के असर से बाहर निकल रहे अडानी समूह के लिए यह खबर 'अच्छे दिनों' की तरह है.
झोली में पहले से ही 2 प्रोजेक्ट
अडानी ग्रुप को मुंबई में पहले से ही 2 डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स का काम मिला है. जिसमें एक उपनगरीय घाटकोपर में और दूसरा मध्य मुंबई के भायखला में है. अब धारावी के रीडेवलपमेंट के रूप में तीसरा और बड़ा प्रोजेक्ट भी उसके हाथ लग गया है. बता दें कि पिछले साल नवंबर में Adani ने धारावी स्लम एरिया को फिर से विकसित करने के प्रोजेक्ट की बोली जीती थी. अडानी समूह ने इसके लिए 5069 करोड़ रुपए की बोली लगाई थी. इस दौड़ में कुछ दूसरे बड़े नाम भी शामिल थे. जैसे कि DLF लिमिटेड ने 2025 करोड़ रुपए की बोली लगाई थी, लेकिन बाकी अडानी ग्रुप के नाम रही. इस प्रोजेक्ट की टेक्निकल बिडिंग में नमन ग्रुप क्वालिफाई नहीं कर पाया था.
कितने साल में होगा कायाकल्प?
धारावी में शिक्षा का स्तर और साफ-सफाई की स्थिति बेहद चिंताजनक है. अब अडानी समूह की कंपनी Adani Properties धारावी को संवारने का काम करेगी. इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद कंपनी को मध्य मुंबई में लाखों वर्ग फुट आवासीय और वाणिज्यिक परिसरों को बेचकर हाई रिवेन्यु जुटाने में मदद मिलेगी. धारावी का पुनर्विकास अलग-अलग चरणों में किया जाएगा. Adani समूह पहले वर्तमान निवासियों को शिविरों में स्थानांतरित करेगा, ताकि उनके लिए नए घरों का पुनर्निर्माण किया जा सके. प्रोजेक्ट में बिक्री वाली इमारतें भी बनाई जाएंगी, जो प्रोजेक्ट लागत वसूलने में मदद करेंगी. 2.5 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले इस इलाके के पुनर्वास के लिए परियोजना की कुल समयसीमा 7 साल है.
सत्ता परिवर्तन रहा शुभ
धारावी को फिर से विकसित करने के लिए योजना दो दशक पहले बनाई गई थी, लेकिन इसमें कई तरह की दिक्कतें आती रहीं. महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने अक्टूबर 2022 में नए टेंडर जारी करके इस काम को आगे बढ़ाया. इससे पहले, उद्धव ठाकरे सरकार ने साल 2019 में इस प्रोजेक्ट के लिए लगी बोली को रद्द कर दिया था. यानी एक तरह से देखा जाए तो महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन अडानी ग्रुप के लिए अच्छा रहा. क्योंकि नई सरकार के अस्तित्व में आते ही इस प्रोजेक्ट को मंजूरी मिल गई. माना जा रहा है कि प्रोजेक्ट को पूरा करने में 23000 करोड़ रुपए का खर्च आएगा. बता दें कि धारावी को अंग्रेजों के समय बसाया गया था. अब यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी और एशिया की सबसे बड़ी बस्ती है. यहां कितने लोग रहते हैं इसका कोई सही आंकड़ा नहीं है. लेकिन एक अनुमान के मुताबिक, धारावी में 8 लाख लोग रहते हैं.
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