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बड़े अफसर का दावा, बताया क्यों लगा आटा और दाल पर जीएसटी?

jantaserishta.com
24 July 2022 10:42 AM GMT
बड़े अफसर का दावा, बताया क्यों लगा आटा और दाल पर जीएसटी?
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

नई दिल्ली: रोजमर्रा की तमाम चीजें 18 जुलाई से महंगी हो गई हैं. सरकार ने आटा, दाल समेत तमाम प्री-पैक्ड फूड प्रोडक्ट पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) लगाया है. वहीं, कई वस्तुओं पर GST की दरों में बढ़ोतरी हुई. इस वजह से जरूरत की तमाम चीजों पर महंगाई की मार पड़ी है और लोगों को बजट बिगड़ने लगा है. इस बीच नई GST दरें लागू करने को लेकर एक बड़ा खुलसा सामने आया है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, जीएसटी काउंसिल ने राज्यों के खजाने की भरपाई करने के लिए कई प्रोडक्ट को इस टैक्स के दायरे में शामिल किया है.

पीटीआई ने ट्वीट कर एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से लिखा- 'प्री-पैक्ड फूड आइटम्स को जीएसटी के दायरे में शामिल करने का फैसला तब लिया गया, जब राज्यों के प्रतिनिधियों ने राजस्व के नुकसान को लेकर प्रतिक्रिया दी. उनका कहना था कि राज्य पहले फूड प्रोडक्ट पर वैट लगाकर राजस्व हासिल करते थे.अब उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा है'. अधिकारी के अनुसार, इसके बाद जीएसटी काउंसिल ने प्री-पैक्ड फूड आइटम्स को जीएसटी के दायरे में शामिल किया.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की अध्यक्षता में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में इन प्रोडक्टस पर GST लगाने का फैसला किया गया था. इसके बाद वित्त मंत्री ने ट्वीट कर बताया था कि इन उत्पादों पर आखिर जीएसटी क्यों लगाया गया.
वित्त मंत्री ने ट्वीट कर कहा था कि राज्यों द्वारा वसूले जाने वाले टैक्स को ध्यान में रखते हुए, जब जीएसटी लागू किया गया था, तो ब्रांडेड अनाज, दाल, आटे पर 5 फीसदी की GST दर लागू की गई थी. हालांकि, जल्द ही इस प्रावधान का दुरुपयोग देखने को मिला और धीरे-धीरे इन वस्तुओं से GST राजस्व में काफी गिरावट आई. सरकार को फिटमेंट कमेटी ने इस तरह के दुरुपयोग को रोकने के लिए सभी पैकेज्ड और लेबलयुक्त सामानों पर समान रूप से जीएसटी लगाने का प्रस्ताव दिया था.
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBDT) के अनुसार, अनाज, दाल और आटे जैसे खाद्य पदार्थों के 25 किलोग्राम वजन तक के सिंगल पैकेट पर जीएसटी लगेगा. केंद्रीय वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग ने जीएसटी ऑन प्रीपैकेज्ड एंड लेबल्ड से जुड़ी कई चीजों को स्पष्ट किया है. इसके अनुसार, अगर आटा, चावल जैसी खाने वाली वस्तुओं की पैकिंग लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट 2009 के तहत होती है, तो 25 किलो से अधिक के वजन पर जीएसटी नहीं लगेगा.


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