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बड़ी खबर: इस साल नहीं होगा किसी भी सरकारी बैंकों का निजीकरण, जानिए क्यों
Shiddhant Shriwas
2 Aug 2021 9:51 AM GMT
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ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, प्राइवेटाइजेशन को लेकर वित्त मंत्रालय ने अभी तक अंतिम तौर-तरीके को फाइनल नहीं किया है. ऐसे में इस बात की संभावना नहीं दिख रही है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। एक रिपोर्ट के मुताबिक दो बैंकों का निजीकरण चालू वित्त वर्ष में संभव नहीं हो पाएगा. सरकार भी इसे अगले साल के लिए टाल रही है. बैंकों के निजीकरण को लेकर संसद से जरूरी मंजूरी की दिशा में सरकार ने अभी तक कोई कदम नहीं उठाया है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, प्राइवेटाइजेशन को लेकर वित्त मंत्रालय ने अभी तक अंतिम तौर-तरीके को फाइनल नहीं किया है.
सूत्र ने बताया कि कोरोना महामारी के कारण निजीकरण और विनिवेश की तैयारी ठंडे बस्ते में चली गई है. सरकार चालू वित्त वर्ष में देश की दूसरी सबसे बड़ी ऑयर रिफाइनली BPCL में भी अपनी हिस्सेदारी बेचना चाहती है. अब यह प्रक्रिया भी धीमी हो गई है. ऐसा नहीं लग रहा है कि चालू वित्त वर्ष में BPCL का भी निजीकरण हो पाएगा.
1 फरवरी को बजट पेश करते हुए सरकार ने विनिवेश और निजीकरण का लक्ष्य 1.75 लाख करोड़ रुपए रखा था. इसके साथ ही वित्त मंत्री ने घोषणा की थी कि चालू वित्त वर्ष में दो सरकारी बैंकों और एक इंश्योरेंस कंपनी का निजीकरण किया जाएगा. इसके अलावा LIC IPO लाने का भी ऐलान किया गया था. साथ में सरकार BPCL में अपनी हिस्सेदारी बेचकर भी फंड इकट्ठा करेगी. फिलहाल फंड इकट्ठा करने के तीनों साधनों पर आशातीत काम नहीं हुआ है. यह काम फिलहाल टलता दिख रहा है.
Shiddhant Shriwas
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