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सरकार के लिए आई बड़ी खबर: अब तक के सबसे रिकॉर्ड स्तर 1.42 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचा GST कलेक्शन
Deepa Sahu
1 April 2022 1:51 PM GMT
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बड़ी खबर
मार्च में जीएसटी कलेक्शन (GST Collection) अब तक के सबसे रिकॉर्ड स्तर 1,42,095 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. वहीं, एक महीने यानी फरवरी में जीएसटी कलेक्शन (GST Collection in February) 1,40,986 लाख करोड़ रुपये रहा था. मार्च 2022 में कुल जीएसटी रेवेन्यू (GST Revenue) 1,42,095 करोड़ रुपये है, जिसमें से CGST 25,830 करोड़ रुपये है. इसके अलावा SGST 32,378 करोड़ रुपये है, IGST 74,470 करोड़ रुपये है (जिसमें सामान के आयात पर 39,131 करोड़ रुपये कलेक्ट किया है) और सेस 9,417 करोड़ रुपये है (जिसमें सामान के आयात पर 981 करोड़ रुपये जमा किए गए हैं.) मार्च 2022 में कुल जीएसटी कलेक्शन रिकॉर्ड ऊंचाई पर मौजूद है. इसने जनवरी में हासिल किया गया 1,40,986 करोड़ रुपये के पिछले रिकॉर्ड को पार कर लिया है.
फरवरी के मुकाबले जीएसटी कलेक्शन 15% ज्यादा
मार्च 2022 के लिए रेवेन्यू पिछले साल के समान महीने में जीएसटी रेवेन्यू से 15 फीसदी ज्यादा है. मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि रेवेन्यू में सुधार काउंसिल द्वारा उठाए गए अलग-अलग रेट युक्तिकरण की वजह से भी है, जिससे ड्यूटी स्ट्रक्चर को ठीक किया जा सके.
इससे पहले फरवरी में जीएसटी कलेक्शन 1,33,026 करोड़ रुपये पर रहा था. फरवरी महीने के दौरान कलेक्शन पर ओमीक्रॉन की लहर से असर पड़ा था, जिसने पूरे देश में मामलों में इजाफा किया था. और इसलिए, कुल सेल्स टैक्स कलेक्शन जनवरी में हासिल किए गए रिकॉर्ड 1,40,986 करोड़ रुपये से कम रहा था.
सरकार ने जीएसटी कलेक्शन में बढ़ोतरी के पीछे यह वजह बताई
आधिकारिक बयान के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022 की आखिरी तिमाही के लिए कुल औसत मासिक जीएसटी कलेक्शन 1.38 लाख करोड़ रुपये रहा है. सरकार ने कहा कि आर्थिक रिकवरी, फर्जी बिलर्स के खिलाफ कार्रवाई से जीएसटी कलेक्शन में बढ़ोतरी में मदद मिली है.
सरकार द्वारा जारी बयान में आगे कहा गया है कि फरवरी 2022 में जनरेट किए गए ई-वे बिल की कुल संख्या 6.91 करोड़ रुपये है. यह जनवरी 2022 में जमा 6.88 करोड़ रुपये के मुकाबले ज्यादा रही है, जबकि यह ज्यादा छोटा महीना था. यह ज्यादा तेज रफ्तार के साथ कारोबारी गतिविधियों में आई तेजी की ओर संकेत करता है.
इसके अलावा आपको बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल में संसद को यह साफ किया था कि जीएसटी कंपन्सेशन सिर्फ शुरुआती पांच सालों के लिए था. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि फिलहाल केंद्र सरकार इसे आगे बढ़ाने के मूड में नहीं है. साथ ही वित्त मंत्री यह भी कहा कि राज्यों को कंपन्सेशन देने के लिए केंद्र ने जो कर्ज लिया, उसे चुकाने के लिए लगाया गया सेस वित्त वर्ष 2026 तक लागू रहेगा.
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