व्यापार

एयरलाइन कंपनियों के लिए बड़ी खबर, सरकार ने 75% उड़ानों दे सकती है अनुमति

Tara Tandi
8 Oct 2020 3:53 PM GMT
एयरलाइन कंपनियों के लिए बड़ी खबर, सरकार ने 75% उड़ानों दे सकती है अनुमति
x
नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार को कहा कि विमानन कंपनियों को शीघ्र ही कोविड-19 महामारी से पहले होने वाली...

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| नई दिल्ली, नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार को कहा कि विमानन कंपनियों को शीघ्र ही कोविड-19 महामारी से पहले होने वाली कुल अनुसूचित उड़ानों के 75 प्रतिशत उड़ानों के परिचालन की अनुमति दी जा सकती है। सरकार ने 2 सितंबर को कहा था कि घरेलू उड़ानों को कोविड पूर्व के 60 प्रतिशत के स्तर पर संचालित किया जा सकता है। उससे पहले नागर विमानन मंत्रालय ने 26 जून को कोविड पूर्व के अधिकतम 45 प्रतिशत के स्तर पर घरेलू उड़ानों के परिचालन की अनुमति दी थी।

देश में कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये 25 मार्च से उड़ानों पर रोक लगा दी गई थी। दो महीने के बाद 25 मई से परिचालन पुन: शुरू करने की मंजूरी दी गयी थी। पुरी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'हमारी सोच यह है कि हम इसे एक और सप्ताह या 10 दिनों के लिए देखेंगे। यदि आंकड़े (यात्रा करने वाले यात्रियों के) अच्छे रहेंगे, तो हम कोविड पूर्व के स्तर के 75 प्रतिशत पर घरेलू उड़ानों के परिचालन को मंजूरी दे देंगे।' देश में नियमित रूप से होने वाली अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानें कोरोना वायरस महामारी के कारण 23 मार्च से निलंबित हैं।

विदेशी एयरलाइंस को कड़ा संदेश

पुरी ने कहा कि यह जोरदार और स्पष्ट संदेश देने का वक्त आ गया है कि विदेशी एयरलाइनों की उड़ानों को भारतीय एयरलाइनों की कीमत पर अनुमति नहीं दी जाएगी। लुफ्थांसा (एयरलाइन) को 30 सितंबर से 20 अक्टूबर तक की भारत और जर्मनी के बीच अपनी उड़ानें 28 सितंबर को रद्द करनी पड़ी थी। दरअसल, नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने उनसे अनुमति वापस लेते हुए कहा था कि जर्मनी की यात्रा करना चाह रहे भारतीयों पर पाबंदियां हैं और इसका भारतीय एयरलाइनों पर काफी दुष्प्रभाव पड़ रहा है। इससे लुफ्थांसा को एकतरफा फायदा हो रहा है।

पुरी ने कहा कि यह मुद्दा विदेशी एयरलाइनों को अनुमति देने या नहीं देने के बारे में, नहीं है। हम चाहते हैं कि यहां विदेशी एयरलाइनें संचालित हों। लेकिन मुझे लगता है कि यह जोरदार और स्पष्ट संदेश देने का वक्त आ गया है कि यह भारतीय एयरलाइनों की कीमत पर नहीं किया जाएगा। उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि विशेष उड़ानों के परिचालन के लिए विभिन्न देशों के साथ की गई द्विपक्षीय व्यवस्था (एयर बबल) के तहत हम पूरी बराबरी पर जोर नहीं दे रहे हैं।

Next Story