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इस बार मांग में जबरदस्त तेजी की उम्मीद है।
कच्चे माल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी से एसी की कीमत बढ़ाने की तैयारी कंपनियां कर रहीं हैं। एसी बनाने वाली कंपनियों का कहना है कि कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोतरी से लगता बढ़ा है। उसकीभरपाई के लिए कीमत में वृद्धि करना मजबूरी है। कंपनियां एक बार फिर से कीमत में 4-6 फीसदी बढ़ोतरी की योजना बना रही है। यानी प्रति यूनिट एसी की कीमत में 1500 रुपये से 2000 रुपये की बढ़ोतरी हो सकती है।
गौरतलब है कि पॉलिमर्स, कॉपर, स्टील, पैकेजिंग मैटेरियल के दाम में भारी उछाल से उत्पादन लागत बढ़ी है। कॉपर की कीमत रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है। इससे एसी, फ्रिज, कूलर, पंखा जैसी उपभोक्ता वस्तुएं की निर्माण लागत बढ़ गई है। उद्यमियों ने बताया कि पिछले तीन महीनों से तांबे के दाम में बढ़ोतरी से एसी, फ्रिज जैसी वस्तुएं महंगी हो जाएंगी, क्योंकि इनमें तांबे का अधिक इस्तेमाल होता है। वहीं, स्थानीय स्तर पर पंखे बनाने वाले उद्यमियों ने भी महंगे तांबे के कारण कीमतें बढ़ने की बात कही है। इससे उपभोक्ताओं पर एक बार फिर से महंगाई का बोझ पड़ने वाला है। हालांकि, इसके बावजूद मांग में कमी आने की संभावना नहीं है क्योंकि पिछले साल कोरोना के कारण बिक्री बिल्कुल नहीं हुई थी। इस बार मांग में जबरदस्त तेजी की उम्मीद है।
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