x
सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने म्यूचुअल फंड में ट्रेडिंग को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है
सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने म्यूचुअल फंड में ट्रेडिंग को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है. गुरुवार को जारी एक सर्कुलर के मुताबिक, अब म्यूचुअल फंड कंपनी के कर्मचारी, ट्रस्टी और बोर्ड के सदस्य ट्रेडिंग नहीं कर पाएंगे. साथ ही साथ यह प्रतिबंध उन लोगों पर भी लागू होगा, जिनके पास कंपनी की कोई जानकारी है और उससे कंपनी की नेट वैल्यू असेट और यूनिट धारकों के हित प्रभावित कर सकती है.
बाजार नियामक सेबी ने इसके लिए एक कैटेगरी भी बनाई है. इस कैटेगरी में एक्सेस पर्सन का जिक्र किया है, जिनके म्यूचुअल फंड में ट्रेडिंग करने पर मनाही रहेगी. एक्सेस पर्सन में असेट मैनेजमेंट कंपनी के मुखिया, एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर, चीफ इंवेस्टमेंट ऑफिसर, चीफ रिस्क ऑफिसर और अन्य सी-सूट एक्जिक्यूटिव, फंड मैनेजर, डीलर्स, रिसर्च एनालिस्ट, ऑपरेशंस डिपार्टमेंट के कर्माचारी, कंप्लायंस ऑफिसर और विभागों के मुखिया को शामिल किया गया है.
एक्सेस पर्सन के लिए थोड़ी राहत की भी खबर
मिंट की खबर के मुताबिक, सेबी ने बताया है कि नॉन एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर, कंपनी के ट्रस्टी या ऐसे कोई ट्रस्टी जिनके बाद नॉन पब्लिक इंफोर्मेशन की जानकारी है और वे हितों को प्रभावित कर सकते हैं. ऐसे लोगों को भी एक्सेस पर्सन की लिस्ट में रखा गया है. इसका मतलब हुआ कि ये भी म्यूचुअल फंड में ट्रेडिंग नहीं कर पाएंगे.
गाइडलाइंस में शेयरों, डिबेंचर, बॉन्ड, वारंट, डेरिवेटिव और म्यूचुअल फंड/एएमसी द्वारा शुरू की गई योजनाओं की इकाइयों जैसी किसी भी प्रतिभूतियों की खरीद या बिक्री के लिए लेनदेन शामिल हैं.
सेबी ने 2016 में कर्मचारियों को उनके व्यक्तिगत लेनदेन की तारीख से 30 दिनों के भीतर किसी भी सिक्योरिटी की खरीद और बिक्री से लाभ कमाने से रोक दिया था. नए सर्कुलेशन में एक्सेस पर्सन को कुछ छूट भी दी गई है. ये छूट अब एक कंप्लायंस ऑफिसर द्वारा एक वित्तीय वर्ष में दो बार किसी एक्सेस पर्सन को दी जा सकती है. इस दौरान वे केवल सिक्योरिटी की बिक्री कर सकते हैं.
Next Story