अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आई तेजी के चलते घरेलू स्तर पर सोने की कीमतें एक बार फिर से बढ़ गई है. देश की राजधानी दिल्ली में 10 ग्राम सोने के दाम 170 रुपये तक बढ़ गए. वहीं, इस दौरान चांदी की की्मतों में 172 रुपये प्रति किलोग्राम की तेजी आई है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि आने वाले दिनों में सोने की कीमतें गिर सकती है, क्योंकि दुनियाभर के शेयर बाजारों में खरीदारी का दौर जारी है. ऐसे में निवेशकों की रुझान गोल्ड से हटकर शेयर बाजार की ओर बढ़ा है.
सोने की नई कीमतें (Gold Price on 24 August 2021)
मंगलवार को दिल्ली में 99.9 फीसदी वाले 10 ग्राम सोने के दाम 46,374 रुपये से बढ़कर 46,544 रुपये पर पहुंच गए है. इस दौरान कीमतों में 170 रुपये की तेजी आई है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोना बढ़कर 1801 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया है.
चांदी की नई कीमतें (Silver Price on 24 August 2021)
सोने की तरह चांदी की कीमतों में भी लगातार दूसरे दिन तेजी आई है. दिल्ली के सर्राफा बाजार में एक किलोग्राम चांदी के दाम 61,412 रुपये से बढ़कर 61,584 रुपये पर पहुंच गए है.
इस दौरान कीमतों में 172 रुपये प्रति किलोग्राम की तेजी आई है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चांदी का भाव 23.60 डॉलर प्रति औंस हो गई है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि डिमांड में तेजी का असर चांदी के दामों पर दिखा है.
क्यों आई सोने और चांदी में तेजी
एचडीएफसी सिक्योरिटी के कमोडिटी एनालिस्ट तपन पटेल (HDFC Securities Commodities Analyst Tapan Patel) का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमतें बढ़ने से घरेलू बाजार में दाम बढ़े है.
कौन और कैसे तय करता है सोने के दाम
बाजार में आप जिस कीमत पर सोने के गहने खरीदते हैं वह स्पॉट प्राइस यानी हाजिर भाव होता है. बड़े शहरों के सर्राफा एसोसिएशन के सदस्य मिलकर बाजार खुलने के समय इसका दाम तय करते हैं.
वहीं, एमसीएक्स वायदा बाजार में जो दाम आते हैं, उसमें वैट, लेवी एवं लागत जोड़कर दाम घोषित किए जाते हैं. दाम पूरे दिन चलते हैं.
यही वजह है कि अलग-अलग शहरों में सोने की कीमतें अलग-अलग होती हैं. इसके अलावा, स्पॉट मार्केट में सोने की कीमत शुद्धता के आधार पर तय होती है. 22 कैरेट और 24 कैरेट सोने की कीमत अलग-अलग होती है.
विदेश में कैसे तय होती हैं सोने की कीमतें-सोने की कीमतें कई फैक्टर से तय होती हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने की कीमतें तय करने के लिए लंदन में एक संचालन और प्रशासनिक इकाई है जो कि अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर काम करती है. पहली बार 1919 में सोने की कीमत फिक्स की गई थी.
2015 के पहले लंदन गोल्ड फिक्स सोने की नियामक इकाई थी जो कीमतें तय करती थीं लेकिन 20 मार्च 2015 के बाद एक नई इकाई लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन (एलबीएमए) बनाई गई. इसे ICE प्रशासनिक बेंच मार्क चलाता है.
ICE ने 1919 में बने लंदन गोल्ड फिक्स ईकाई का स्थान लिया है. यह संगठन दुनिया के तमाम देशों की सरकारों से जुड़े राष्ट्रीय स्तर के संगठनों के साथ मिलकर तय करता है कि सोने की कीमत क्या होनी चाहिए. लंदन के समय अनुसार दिन में दो बार सुबह 10:30 और शाम को 3 बजे सोने की कीमतें तय होती हैं.