टाटा मोटर्स का बड़ा ऐलान, अपने कर्मचारियों को बोनस देने की घोषणा की
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नई-दिल्ली। आर्थिक मंदी और कोरोना संकट से जूझ रही टाटा मोटर्स के कर्मचारियों को प्रबंधन और यूनियन ने विश्वकर्मा पूजा के दिन बोनस के साथ बाईसिक्स कर्मचारियों के स्थायीकरण की सौगात दी। समझौते के मुताबिक कर्मचारियों को 10.6 प्रतिशत बोनस मिलेगा। बोनस के तौर पर कंपनी के स्थायी कर्मचारियों को अधिकतम 50,200 रुपये मिलेंगे, जबकि औसत बोनस की राशि 38,200 रुपये होगी। सुपरएन्यूएशन के तहत आने वाले करीब 300 कर्मचारियों को 11,200 रुपये अनुदान के रूप में दिया जाएगा, जबकि बाईसिक्स कर्मचारियों को 8.33 प्रतिशत बोनस मिलेगा। साथ ही 281 कर्मचारी स्थायी भी होंगे। इनमें प्लांट में काम कर रहे 276 बाईसिक्स तथा टाटा मोटर्स अस्पताल में कार्यरत पांच नर्सें भी शामिल हैं। बोनस की राशि कर्मचारियों बैंक अकाउंट में इस माह के अंत तक भेज दी जायेगी।
टाटा मोटर्स के 5,600 स्थायी और 3700 बाई सिक्स कर्मचारियों को बोनस का लाभ मिलेगा। बोनस समझौते पर प्रबंधन की ओर से प्लांट हेड विशाल बादशाह, आईआर हेड दीपक कुमार, सीनियर जीएम मानस मिश्रा और टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन की ओर से अध्यक्ष गुरमीत सिंह तोते, महामंत्री आरके सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष अनिल शर्मा सहित सभी पदाधिकारियों ने हस्ताक्षर किये। पिछले वर्ष टाटा मोटर्स के कर्मचारियों को 10 प्रतिशत बोनस मिला था। कर्मचारियों को अधिकतम 46,001 रुपये और औसत बोनस 32,900 रुपये मिले थे। इसके साथ 221 बाई सिक्स कर्मचारियों के स्थायीकरण पर समझौता हुआ था। पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष .6 प्रतिशत बोनस अधिक मिला है, जबकि 60 बाईसिक्स कर्मचारियों का स्थायीकरण इस बार पिछले वर्ष की तुलना में ज्यादा हुआ है ल
बोनस समझौते के उपरांत टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष, महामंत्री का यूनियन नेताओं और कर्मचारियों ने कंपनी गेट से लेकर यूनियन कार्यालय तक फूल माला पहनाकर अभिनंदन किया। कोरोना संक्रमण के दौरान में टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन के लिए बाईसिक्स कर्मचारियों का स्थायीकरण कराना चुनौती से कम नहीं था। एक ओर जहां कोरोना संक्रमण के इस दौर में जहां लाखों लोगों की नौकरी चली गयी, देश के तमाम सेक्टर में छंटनी का दौर चल रहा है, ऐसे हालात में 281 कर्मचारियों का स्थायीकरण कराने में यूनियन ने सफलता हासिल की। इससे पहले ऑटोमोबाइल सेक्टर साल 2019 की शुरुआत से दो दशकों की सबसे बड़ी मंदी के दौर से गुजरा। साल 2020 में आर्थिक मंदी से राहत मिलने की उम्मीद थी। तब कोरोना वायरस की वजह से ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री पर एक बार फिर से संकट के बादल घिर गयेी
टाटा मोटर्स में पिछले पांच वर्षों में बोनस के दौरान 1133 बाईसिक्स स्थायी हुए हैं। इन पांच वर्षों में सबसे ज्यादा 2018-19 में 306 बाईसिक्स कर्मचारी स्थायी हुए थे। उस समय भी कंपनी आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रही थी। पिछले वर्ष यूनियन ने 10 प्रतिशत बोनस के साथ 221 बाईसिक्स कर्मचारियों को स्थायी कराया था। टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष गुरमीत सिंह तोते ने कहा, 'विपरीत परिस्थिति में कर्मचारियों के सहयोग से बेहतर समझौता हुआ है। पिछले वर्ष की तुलना में बोनस का प्रतिशत और स्थायीकरण की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। यह सब कर्मचारियों की एकता और निष्ठा के कारण संभव हो सका।'
टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन के महामंत्री आरके सिंह ने कहा, 'इस कोरोना काल में देश और दुनिया में लगातार नौकरियां जा रही हैं। प्रबंधन एक व्यक्ति का भी स्थायीकरण करने को तैयार नहीं था, लेकिन यूनियन ने प्रबंधन के समक्ष मजबूती से अपनी बातें रखीं। कर्मचारियों के सहयोग, एकता से बेहतर समझौता हो पाया हैI'