बड़ा ऐलान: शुरू हुई एक और किसान रेल, अब होगा करोड़ों फार्मर्स को फायदा
जनता से रिश्ता बेवङेस्क | किसानों की आय बढ़ाने के लिए किसान रेल परिवहन के माध्यम से सब्सिडी में हल्दी को भी शामिल कर लिया गया है. रेलवे और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय आपरेशन ग्रीन्स-टॉप टू टोटल योजना चलाती है. इसके तहत पहले से तय फल और सब्जियों के परिवहन पर 50 फीसदी सब्सिडी दी जाती है. अगर आसान शब्दों में कहें तो किसान समेत कोई भी व्यक्ति किसान रेल के जरिए किसी भी अधिसूचित फलों और सब्जियों की फसल का परिवहन कर सकता है. रेलवे इन फलों और सब्जियों के परिवहन पर सिर्फ 50 फीसदी ट्रांसपोर्टेशन शुल्क देना होता है बाकी का 50 प्रतिशत परिवहन शुल्क मंत्रालय की ओर से भारतीय रेल को अपनी ऑपरेशन ग्रीन्स योजना के तहत दिया जाता है.
मौजूदा समय में रेलवे तीन किसान रेल का परिचालन कर रहा है- देवलाली (महाराष्ट्र) से मुजफ्फरपुर, आंध्र प्रदेश के अनन्तपुर से दिल्ली और बेंगलूर से दिल्ली. वह चौथी किसान रेल का परिचालन भी शुरू करने वाली है जो महाराष्ट्र के नागपुर और वरूद ऑरेंज सिटी से दिल्ली तक चलती है.
अब क्या हुआ
रेलवे की ओर से जारी जानकारी के मुताबिक आपरेशन ग्रीन्स- टॉप टू टोटल योजना के अंतर्गत ट्रेन सेवा के माध्यम से 50 प्रतिशत की परिवहन सब्सिडी वाली फल और सब्जियों की सूची में मंदारिन (एक प्रकार का संतरा) और हल्दी (कच्ची) को शामिल किया गया है.
सब्सिडी वाले फलों और सब्जियों की लिस्ट
फल – आम, केला, अमरूद, किवी, लीची, पपीता, मोसमी, संतरा, कीनो, लाइम, नींबू, अनानास, अनार, कटहल, सेब, बादाम, आंवला, पैशन फ्रूट और नाशपाती,
सब्जी – सेम फली, करेला, बैगन, शिमला मिर्च, गाजर, फूलगोभी, हरी मिर्च, ओकरा, खीरा-ककड़ी, मटर, लहसुन, प्याज, आलू और टमाटर.
किसानों के साथ-साथ उपभोक्ताओं को भी मिलता हैं फायदा
किसान रेल कृषि उपज को देश के एक कोने से दूसरे कोने तक तेजी से पहुंचाने के लिए ट्रांसपोर्टेशन सर्विस देती है. इससे किसानों और उपभोक्ताओं, दोनों को फायदा होता है.
छोटे किसानों और लघु व्यापारियों की आवश्यकताओं को पूरा करते हुए किसान रेल न केवल इस व्यवसाय में महत्वपूर्ण बदलाव ला रही है बल्कि यह किसानों की आय में वृद्धि के प्रयासों को साकार कर जिंदगियों में भी बदलाव ला रही है.
तीव्र और सस्ता परिवहन उपलब्ध कराया जाता है. इससे जल्दी खराब होने वाले फल और सब्जियों को बड़े-बड़े शहरों में कम समय पर पहुंचाया जाता है. इससे किसानों को अच्छे दाम मिलते है. वहीं, सस्ती कीमत पर उपभोक्ताओं को सब्जी और फले मिलते है.
यह उल्लेखनीय है कि भारतीय रेलवे निरंतर मालवाहक ट्रेनों के माध्यम से कृषि उपज के परिवहन के प्रयास कर रहा है. लॉकडाउन के दौरान भी रेलवे की मालवाहक ट्रेनें आवश्यक सामग्री की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए लगातार संचालित की जा रही थीं जिससे कि देश के किसी भी हिस्से में कोई समस्याएं न हों. अधिक रेक उपलब्ध होने से गेहूं, दलहनों, फलों, सब्जियों जैसी फसलों के उठाव में बहुत अधिक सुधार हुआ है.
शुरू हुई एक और किसान रेल
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने अगरतला से हावड़ा और सियालदह के लिए 11 फरवरी से यानी आज से स्पेशल किसान ट्रेन चलाने का फैसला किया है. स्पेशल किसान ट्रेन सप्ताह में एक दिन गुरुवार को यानी आज शाम 7:15 पर अगरतला से रवाना होगी. यह शनिवार को सियालदह पहुंचेगी. नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे (एनएफआर) गुरुवार से अगरतला से हावड़ा और सियालदह के लिए किसान विशेष ट्रेनें चलाएगा. किसान विशेष ट्रेन गुरुवार को हफ्ते में एक बार 7: 15 पर अगरतला से रवाना होगी और शनिवार को सियालदह पहुंचेगी.
उत्तर पूर्व सीमांत रेलवे के प्रमुख पीआरओ सुभान चंदा की तरफ से एक बयान में कहा गया है कि रेलवे ने इन किसान विशेष ट्रेन सेवाओं को दूध, मांस और मछली सहित पेरीशबल्स और कृषि उत्पादों के परिवहन के लिए चलाना शुरू कर दिया है. बयान में कहा गया है, "यह बहु-कमोडिटी, मल्टी-कंसाइनर/ कंसाइन, मल्टी-लोडिंग अनलोडिंग ट्रांसपोर्टेशन उत्पाद का उद्देश्य हमारे किसानों को एक व्यापक बाजार उपलब्ध कराना है.
इस ट्रेन के धर्मनगर, बदरपुर, लुमडिंग, गुवाहाटी, कामाख्या, गोलपारा, न्यू बोंगईगांव, न्यू अलीपुरद्वार, न्यू कूचबिहार, न्यू जलपाईगुड़ी, मालदा टाउन, कल्तिपुर, बर्धमान और बांदेल में लोडिंग अनलोडिंग के लिए स्टॉपेज होंगे.
इस ट्रेन के धर्मनगर, बदरपुर, लुमडिंग, गुवाहाटी, कामाख्या, गोलपारा, न्यू बोंगईगांव, न्यू अलीपुरद्वार, न्यू कूचबिहार, न्यू जलपाईगुड़ी, मालदा टाउन, कल्तिपुर, बर्धमान और बांदेल में लोडिंग,अनलोडिंग के लिए स्टॉपेज होंगे