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भारत लोक शिक्षा परिषद अपना गौरवशाली 'Silver Jubilee Year' मना रहा

Harrison
8 Feb 2025 9:51 AM GMT
भारत लोक शिक्षा परिषद अपना गौरवशाली Silver Jubilee Year मना रहा
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Delhi दिल्ली: यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि शिक्षित, स्वस्थ एवं आत्मनिर्भर राष्ट्र निर्माण के गौरवशाली 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में भारत लोक शिक्षा परिषद द्वारा ‘रजत जयंती वर्ष’ मनाया जा रहा है।
जिसका मुख्य उद्देश्य गांव एवं कस्बे के माध्यम से आपसी समन्वय बनाना है, साथ ही 25 हजार नए एकल विद्यालयों के संचालन का लक्ष्य प्राप्त करना है। साथ ही एकल श्री राम कथा के माध्यम से सभी धर्मों के लोगों को देशभक्ति एवं राष्ट्र निर्माण के लिए प्रेरित करना है।
इस उपलब्धि को ऐतिहासिक बनाने के लिए शनिवार, 29 मार्च 2025 से रविवार, 6 अप्रैल 2025 तक प्रतिदिन सायं 4 बजे से सायं 7:30 बजे तक पंजाबी बाग स्टेडियम, रिंग रोड, पश्चिमी पंजाबी बाग, नई दिल्ली-110026 में कथा व्यास परम पूज्य भाई श्री रमेश भाई ओझा जी द्वारा “एकल श्री राम कथा” का आयोजन किया जा रहा है।
श्री नीरज रायजादा जी (राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं कथा संयोजक) ने एकल के बारे में सभी को एकल की प्रस्तुति के माध्यम से विस्तार से बताया। श्री अखिल कुमार गुप्ता जी (राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं कथा संयोजक) ने सभी को एकल क्या है, यह कैसे काम करता है, स्कूल में क्या पढ़ाया जाता है, बी.एल.एस.पी. का कार्य क्षेत्र क्या है, इन सभी विषयों पर जानकारी दी। श्री सुभाष अग्रवाल जी (ट्रस्टी एवं मुख्य संयोजक - एकल श्री राम कथा - 2025) एवं श्री विनीत कुमार लोहिया जी (ट्रस्टी) ने भारत लोक शिक्षा परिषद के 25 वर्ष पूर्ण होने पर रजत जयंती वर्ष के अवसर पर एकल श्री राम कथा के महत्व के बारे में सभी को विस्तृत जानकारी दी। श्री राजीव अग्रवाल जी (राष्ट्रीय महासचिव एवं सह-संयोजक) एवं श्री सुनील गुप्ता जी (राष्ट्रीय संयुक्त महासचिव एवं सह-संयोजक) ने बजट परिव्यय, प्रमाणीकरण, एकल प्रभाव, नक्सलवाद, धर्मांतरण आदि से संबंधित जानकारी दी। सभी लोगों ने पत्रकारों के प्रश्नों के उत्तर देकर उनकी जिज्ञासा को शांत किया। एकल श्री राम कथा के आकर्षक अंश -
1. परम पूज्य भाई श्री रमेश भाई ओझा जी से प्रतिदिन एकल श्री राम कथा
2. कलश शोभा यात्रा
3. सहस्र चंडी महायज्ञ 108 ब्राह्मण (प्रत्येक दिन)
4. सांस्कृतिक कार्यक्रम (हर दिन)
5. पूज्य संतों, प्रतिष्ठित राजनीतिक एवं सामाजिक गणमान्य व्यक्तियों का आगमन
6. एकल प्रदर्शनी
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