जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सरकारी क्षेत्र के बैंक ऑफ बड़ौदा ने महीने में एटीएम से कैश निकासी की अधिकतम सीमा को कम करने के अपने फैसले को वापस ले लिया है। वित्त मंत्रालय की ओर से एक बयान जारी कर यह जानकारी दी गई है। वित्त मंत्रालय ने कहा है कि कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह बात कही गई थी कि कुछ सरकारी बैंकों के सर्विस चार्ज में इजाफा किया जा सकता है। मंत्रालय ने कहा कि सरकारी बैंकों में से सिर्फ बैंक ऑफ बड़ौदा ही ऐसा संस्थान था, जिसने फ्री कैश डिपॉजिट और एटीएम से निकासी की सीमा को महीने में 5से घटाकर तीन कर दिया गया था।
इसके बाद भी बैंक ने सीमा से अधिक ट्रांजेक्शन पर वसूले जाने वाले चार्ज को नहीं बढ़ाया था, लेकिन अब ट्रांजेक्शन लिमिट कम करने के फैसले को भी वापस ले लिया गया है। आमतौर पर बैंक अपने चार्जेज को लेकर स्वयं जानकारी देते हैं, लेकिन यह दिलचस्प है कि बैंक की ओर से फ्री एटीएम ट्रांजेक्शन की लिमिट को घटाने के फैसले को वापस लेने की जानकारी वित्त मंत्रालय ने दी है।
मंत्रालय ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा है, 'बैंक ऑफ बड़ौदा ने बताया कि कोरोना के वर्तमान संकट के चलते फैसले को वापस ले लिया गया है। इसके अलावा अन्य किसी बैंक ने हाल में सर्विस चार्ज में किसी तरह का इजाफा नहीं किया है।' यही नहीं केंद्र सरकार ने मीडिया रिपोर्ट्स को गलत करार देते हुए कहा है कि किसी भी सरकारी बैंक की ओर से निकट भविष्य में सर्विस चार्ज में इजाफा करने का प्रस्ताव नहीं है।
वित्त मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है, 'आरबीआई की ओर से सभी बैंकों को यह अनुमति है कि वे अपनी कॉस्ट के मुताबिक सेवाओं पर चार्ज कर सकते हैं।' बता दें कि इससे पहले बैंक ऑफ बड़ौदा ने अपने फैसले में कहा था कि 1 नवंबर से ग्राहकों से 3 से ज्यादा बार कैश डिपॉजिट करने पर हर ट्रांजेक्शन पर 50 रुपये का चार्ज वसूला जाएगा। यही नहीं लिमिट के बाद कैश विदड्रॉल पर भी शहरी क्षेत्रों में प्रति ट्रांजेक्शन 125 रुपये लिए जाने का प्रस्ताव था। इसके अलावा अर्ध ग्रामीण और ग्रामीण क्षेत्रों में 100 रुपये चार्ज लगाने का प्रस्ताव था।