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बैंक क्रेडिट रेश्यो, 2020 में बढ़कर GDP के 56 फीसदी के बराबर पहुंचा जानिए ग्रोथ में वृद्धि,
Shiddhant Shriwas
25 Jun 2021 3:01 AM GMT
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देश में बैंक क्रेडिट ग्रोथ दर बेशक 2020- 21 में 5.56 फीसदी पर 59 साल के सबसे निचले स्तर तक गिर गई है, लेकिन 2020 में बैंक डेट का स्तर सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 56 फीसदी पर पहुंच गया.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देश में बैंक क्रेडिट ग्रोथ दर बेशक 2020- 21 में 5.56 फीसदी पर 59 साल के सबसे निचले स्तर तक गिर गई है, लेकिन 2020 में बैंक क्रेडिट का स्तर सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 56 फीसदी पर पहुंच गया. यह 5 साल का उच्चतम बैंक कर्ज अनुपात है. इस ग्रोथ के बावजूद यह स्तर समकक्ष देशों के अनुपात से कहीं कम है और जी20 देशों के समग्र औसत के मुकाबले आधा है. बैंक ऑफ इंटरनेशनल सैटलमेंट्स (BIS) के नवीनतम आंकड़ों में यह जानकारी सामने आई है.
BIS के ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश में 2020 के अंत में कुल बकाया बैंक क्रेडिट 1,52,000 करोड़ डॉलर पर जीडीपी के 56.075 फीसदी के बराबर रहा. लेकिन यह आंकड़ा एशिया के समकक्ष देशों के के बीच दूसरा सबसे कम स्तर है. उभरते बाजारों वाले देशों में बैंक कर्ज जीडीपी का 135.5 फीसदी और विकसित देशों में 88.7 फीसदी है.
59 साल में यह सबसे कम ग्रोथ रही
कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के प्रभाव से उबरने के लिए 2020 में सरकार की ओर से क्रेडिट- केन्द्रित प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा के बावजूद साल दर साल क्रेडिट ग्रोथ में मात्र 5.56 फीसदी की ही ग्रोथ हुई. पिछले 59 साल में यह सबसे कम ग्रोथ रही. इससे पहले वित्त वर्ष 1961- 62 में यह 5.38 फीसदी रही थी. यहां तक कि इससे पिछले वित्त वर्ष 2019- 20 में भी क्रेडिट ग्रोथ 58 साल के निचले स्तर 6.14 फीसदी पर रही थी. स्टेट बैंक के हाल में जारी एक विश्लेषण शोध में यह दर्शाया गया है.
देश का बेंक क्रेडिट अनुपात 56 फीसदी पर 5 साल के हाई पर
विश्लेषकों का मानना है कि बैंक क्रेडिट ग्रोथ आर्थिक ग्रोथ का एक महत्वपूर्ण संकेतक होता है. जीडीपी के मुकाबले 100 फीसदी अनुपात अगर रहता है तो इससे अर्थव्यवसथा में बिना किसी आशंका के कर्ज की मांग काफी अच्छी रहती है. बहरहाल देश का बेंक क्रेडिट अनुपात 56 फीसदी पर 5 साल का उच्चस्तर है जो कि 2015 में 64.8 फीसदी था.
Moody ने ग्रोथ रेट का अनुमान घटाया
मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने बुधवार को वर्ष 2021 के लिए भारत के वृद्धि अनुमान को घटाकर 9.6 फीसदी कर दिया है, जो पिछले अनुमान के मुताबिक 13.9 फीसदी था. मूडीज ने साथ ही कहा कि तेजी से टीकाकरण के कारण जून तिमाही में आर्थिक प्रतिबंध सीमित होंगे.
मूडीज ने 'व्यापक अर्थशास्त्र- भारत: कोविड की दूसरी लहर से आर्थिक झटके पिछले साल की तरह गंभीर नहीं होंगे' शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा कि उच्च आवृत्ति वाले आर्थिक संकेतक बताते हैं कि कोविड की दूसरी लहर ने अप्रैल और मई में भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया. हालांकि, राज्यों द्वारा प्रतिबंधों में ढील देने के साथ इसमें सुधार की उम्मीद है.
Shiddhant Shriwas
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