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केला किसान महामारी और अतिवृष्टि से बुरी तरह हुए प्रभावित

Gulabi
17 Nov 2021 12:12 PM GMT
केला किसान महामारी और अतिवृष्टि से बुरी तरह हुए प्रभावित
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किसान महामारी और अतिवृष्टि से बुरी तरह हुए प्रभावित
अतिवृष्टि और कोविड महामारी ने तमिलनाडु के केला किसानों की कमर तोड़ दी है. इससे प्रभावित किसान अभी भी कठिन समय का सामना कर रहे हैं. बारिश से केला की सबसे अच्छी किस्मों को भी नुकसान पहुंचा है और अब अच्छी कीमत नहीं मिल रही है. किसानों का कहना है कि उन्हें व्यापक आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.
तमिलनाडु केला उत्पादक संघ के राज्य सचिव, एजी अजितन ने बताया कि अत्यधिक बारिश के कारण बाजार में कीमतों में गिरावट आई है और हमारी खुदरा आपूर्ति प्रभावित हुई है. राज्य में लोकप्रिय किस्मों की खेती 1 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में की जाती है. लेकिन आपूर्ति श्रृंखला स्थिर होने के कारण कीमतों में भारी गिरावट आई है.
उन्होंने कहा कि बिक्री का 20 प्रतिशत महानगरीय शहरों पर निर्भर करता है और महामारी के कारण राज्य को बंद कर दिया गया था. वहीं लगातार बारिश के कारण आपूर्ति भी प्रभावित हुई, जिससे यह स्थिति सामने आई है.
फसल ऋण माफ करने की मांग कर रहे किसान
छोटे केले की मशहूर किस्म पूवन चेन्नई के बाजारों में 15 रुपए प्रति किलो के भाव पर बिका करती थी. अब इसकी कीमत आधे से अधिक घटकर 7 रुपए पर आ गई है. इसके पीछे का कारण बताते हुए व्यापारी कहते हैं कि भारी बारिश के कारण आपूर्ति प्रभावित हुई थी और किसान अपना माल बाजार तक नहीं पहुंचा पा रहे थे. इस वजह से काफी स्टॉक जमा हो गया. अब एक ही साथ बड़ी मात्रा में माल बाजार में आया है और कीमतें गिर गई हैं. इससे किसान काफी प्रभावित हुए हैं.
केला उत्पादक किसानों के नेता अजितन ने कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद से किसानों को भारी नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा महामारी के बाद फसल ऋण को माफ करने के बाद ही किसान जीवित रह सकते हैं.
उन्होंने कहा कि उत्पाद को बाजार में ले जाने से पहले ही लगभग 30-35 प्रतिशत केला नष्ट हो जाता है, जिससे बिक्री में परेशानी होती है. केले के किसानों ने सरकार से अच्छी कीमत दिलाने के लिए पैक हाउस सिस्टम शुरू करने की मांग की है.
प्रभावित हुई है किसानों की कमाई
नमक्कल में परमाथी वेलूर बाजार देश में केले की बिक्री का केंद्र है और देश भर से व्यापारी यहां बेचने के लिए पहुंचते हैं. हालांकि लगातार बारिश ने व्यापारियों को पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया और राज्य भर में उत्पादित केले को बाजार में डंप किया गया, जिससे कीमतों पर असर पड़ा.
नमक्कल के एक केला किसान सुब्रमण्यम ने बताया कि हमारी फसल बाजार में डंप होने और खरीद के लिए व्यापारियों के आगे नहीं आने के कारण किसान फंस गए हैं. हमें अपनी फसल को औने-पौने दामों पर बेचना पड़ रहा है और इससे हमारी कमाई प्रभावित हुई है.
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