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अप्रैल 2020 में भी देशव्यापी लॉकडाउन के कारण कारोबारी गतिविधियां पूरी तरह से बंद रही थी.
कोरोना की नई लहर के कारण जून के महीने में मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी में गिरावट दर्ज की गई. दूसरी लहर का इतना गंभीर असर दिखा कि जून के महीने में मैन्युफैक्चरिंग इंडेक्स PMI for manufacturing घटकर 48.1 पर पहुंच गया. पिछले 11 महीने में पहली बार इसमें गिरावट आई है.
PMI Index जब 50 से ऊपर पर रहता है तो यह ग्रोथ को दिखाता है, जबकि 50 के नीचे आने पर यह गिरावट को दिखाता है. मई के महीने में PMI for manufacturing sector 50.8 था. रिपोर्ट में कहा गया है कि डिमांड में आई गिरावट के कारण प्रोडक्शन पर असर हुआ है जिसके कारण ओवरऑल इंडेक्स में गिरावट आई है. IHS Markit की इकोनॉमिस्ट पॉलियाना डी लीमा ने कहा कि भारत में कोरोना क्राइसिस जारी है. कंपनियों को इस बात का पता नहीं चल पा रहा है कि यह क्राइसिस कब तक जारी रहेगी. ग्रोथ आउटलुक पर इसका सीधा-सीधा असर हो रहा है.
निर्यात ऑर्डर में कमी
ताजा आंकड़ों से कारखानों के ऑर्डर, उत्पादन, निर्यात और खरीद में नए सिरे से संकुचन का पता चलता है. इसके अलावा समीक्षाधीन महीने के दौरान व्यापार आशावाद में कमी आई, तथा लोगों का बेरोजगारी का सामना भी करना पड़ा.कोविड-19 प्रतिबंधों ने भारतीय सामानों की अंतरराष्ट्रीय मांग को भी कम कर दिया और दस महीनों में पहली बार नए निर्यात ऑर्डर में कमी आई.
पहले के लॉकडाउन से कम रहा संकुचन
आईएचएस मार्किट की आर्थिक संयुक्त निदेशक पॉलियाना डी लीमा ने कहा, ''भारत में कोविड-19 के प्रकोप का विनिर्माण अर्थव्यवस्था पर हानिकारक प्रभाव पड़ा. जून में नए ऑर्डर, उत्पादन, निर्यात और खरीद बाधित हुई.'' लीमा ने हालांकि कहा कि सभी लिहाज से संकुचन की दर पहले लॉकडाउन की तुलना में कम थी.
मई में आठ कोर इन्फ्रा सेक्टर में 16.80 फीसदी की तेजी
इधर मई में आठ कोर इन्फ्रा सेक्टर में 16.8 फीसदी की तेजी दर्ज की गई है. यह तेजी मई 2020 के मुकाबले आई है. अप्रैल में कोर सेक्टर आउटपुट में 60.9 फीसदी की तेजी दर्ज की गई थी. उस हिसाब से मई में इसमें गिरावट आई है क्योंकि कोरोना की नई लहर के कारण देश के अलग-अलग हिस्सों में लोकल लॉकडाउन लगाया गया था.
पिछले साल दर्ज की गई थी 21.4 फीसदी की गिरावट
पिछले साल मई में कोविड- 19 संक्रमण प्रसार पर नियंत्रण के लिये लागू देशव्यापी लॉकडाउन के कारण इन आठ बुनियादी उद्योगों के उत्पादन में 21.4 फीसदी की बड़ी गिरावट दर्ज की गई थी. इस साल मार्च में इन उद्योगों में 11.4 फीसदी और अप्रैल महीने में 60.9 फीसदी की वृद्धि हासिल की गई. अप्रैल 2021 में हासिल ऊंची वृद्धि की भी प्रमुख वजह एक साल पहले का तुलनात्मक आधार काफी नीचे रहना है. अप्रैल 2020 में भी देशव्यापी लॉकडाउन के कारण कारोबारी गतिविधियां पूरी तरह से बंद रही थी.
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