व्यापार

अजीम प्रेमजी की कंपनियों को 5 साल में मिले 18000 करोड़ रुपए, ऐसे हुई मोटी कमाई

Rani Sahu
13 July 2021 7:59 AM GMT
अजीम प्रेमजी की कंपनियों को 5 साल में मिले 18000 करोड़ रुपए, ऐसे हुई मोटी कमाई
x
ऐसे हुई मोटी कमाई

विप्रो के अजीम प्रेमजी का नाम देश के सबसे ज्यादा दान करने वाले कारोबारियों में गिना जाता रहा है. लेकिन क्या आपको पता है कि इनकी परोपकार करने वाली संस्थाओं को बीते 5 साल में 18000 रुपए मिले हैं. वो भी शेयर बॉयबैक और डिविडेंट से. दरअसल अजीम प्रेमजी की दो चैरिटेबल कंपनियां अजीम प्रेमजी ट्रस्ट और अजीम प्रेमजी फिलेनथ्रोफिक इनिसिएटिव ने 5 साल में 4 बॉयबैक किए हैं.

शेयर बॉयबैक के जरिए इन संस्थाओं को मोटी रकम मिली है. इसका मतलब यह हुई कि अजीम प्रेमजी की विप्रो ने इन दो कंपनियों की बीते 5 साल में 4 बार शेयर की दोबारा खरीद की है जिससे इन दो कंपनियों की तगड़ी कमाई हुई है.
ऐसे होती गई मोटी कमाई
बीते चार साल की बात करें तो साल 2017, 18, 2020 और 2021 में इन संस्थाओं की बायबैक रकम 1964 करोड़ रुपए, 5894 करोड़ रुपए, 1318 करोड़ रुपए और 8156 करोड़ रुपए रही है. वही साल 2020 में विप्रो की तरफ से जो बायबैक की गई वो 9500 करोड़ की थी जिसकी 86 फीसदी रकम अजीम प्रेमजी के परोपकारी संस्थाओं को मिली है.
किसे मिलेगा फायदा
अजीम प्रेमजी की परोपकार करने वाली कंपनियों को जो बीते 5 सालों के दौरान मिली है उसका फायदा अजीम प्रेमजी के कंट्रोल वाली दूसरी कंपनियों को मिलेगा या नहीं ये बात अभी साफ नहीं है. वहीं माना जाता है कि अजीम प्रेमजी अपनी आईटी कंपनी विप्रो से हुई कुल कमाई का 70 फीसदी हिस्सा चैरिटी कर देते हैं.
दुनिया के 12वें सबसे बड़ दानवीर
अजीम प्रेमजी को दान करने के लिए जाना जाता है. हाल ही में हुरुन इंडिया ने अपनी एक रिपोर्ट में अजीम प्रेमजी को दुनिया का 12 वां सबसे बड़ा दानवीर बताया था. अजीम प्रेमजी की परोपकार करने वाली कंपनियों का मकसद देश के प्राइमरी एजुकेशन को दुरुस्त करना है. इनके फाउंडेशन में आज के दौर में 1000 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं. प्रेमजी ने साल 2000 में अजीम प्रेमजी फाउंडेशन की स्थापना इस मकसद से की थी कि जरुरतमंद लोगों को उचित शिक्षा मिल सके. अजीम प्रेमजी के अलावा देश के कुछ और भी कारोबारी है जिन्होंने लोगों का भला करने के लिए संस्थाओं का निर्माण किया हुआ है. बिल गेट्स की गेट्स फाउंडेशन भी इसी में से एक है.


Next Story