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जस तरह आप शेयर बेचते या खरीदते हैं, उसी तरह ETF भी ट्रेड किए जाते हैं.
भारतीय हेल्थ सेक्टर लंबे समय से अंडर परफॉर्म कर रहा था. हालांकि मार्च 2020 में कोरोना के आगमन के बाद इस सेक्टर में जबरदस्त तेजी दिखाई दे रही है. हालांकि दिसंबर 2020 के बाद इसमें करेक्शन दिखाई देने लगा था. इस साल मार्च में फिर से नई वेव सामने आई जिसके बाद एकबार फिर से फार्मा सेक्टर ने निवेशकों को लुभाया है.
हेल्थ केयर सेक्टर में बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए एक्सिस म्यूचुअल फंड ने Axis Healthcare Exchange-Traded Fund (ETF)को 30 अप्रैल को लॉन्च किया था. यह 10 मई को बंद होने जा रहा है. यह निफ्टी हेल्थ केयर इंडेक्स को ट्रैक करेगा साथ ही Axis AMC के इक्विटी हेड जिनेश गोपानी इसे मैनेज करेंगे. इस फंड को लेकर एक्सिस म्यूचुअल फंड का कहना है कि हेल्थ केयर सेक्टर डोमेस्टिक मार्केट में अपना पैर धीरे-धीरे मजबूत कर रहा है. इस सेक्टर में आकर्षण बढ़ रहा है इसलिए मई में आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल असेट मैनेजमेंट ने भी healthcare ETF लॉन्च करने का फैसला किया है.
कम से कम 5000 निवेश करने होंगे
यहां सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर इस फंड में निवेश करने पर आपका पैसा कहां निवेश किया जाएगा. जैसा कि पहले बताया जा चुका है इस म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर निफ्टी हेल्थकेयर सेक्टर की 20 कंपनियों में पैसा पैसिवली निवेश किया जाएगा. इसका मतलब फंड मैनेजर अपना दिमाग नहीं लगाएगा, बल्कि जिस कंपनी का जितना वेटेज होगा उस हिसाब से सभी कंपनियों में निवेश किए जाएंगे. इसमें कम से कम 5000 रुपए निवेश किए जा सकते हैं.
हेल्थ केयर सेक्टर में क्या-क्या शामिल
जैसा कि कहा गया है कि आपका पैसा हेल्थ केयर की 20 कंपनियों में निवेश किए जाएंगे. हेल्थ केयर सेक्टर में मुख्य रूप से चार सेक्टर आते हैं. पहला हॉस्पिटल्स, डॉयग्नॉस्टिक सेंटर, ड्रग मेकर्स और क्लिनिकल रिसर्च वाली कंपनियां हेल्थ केयर सेक्टर के तहत आती हैं. पिछले पांच सालों में इस सेक्टर ने 5.69 फीसदी का रिटर्न दिया है.
ETF क्या होता है
ETF मतलब एक्सचेंज ट्रेडेड फंड. यह भी निवेश का एक विकल्प है जो म्यूचुअल फंड जैसा होता है. हालांकि ईटीएफ में म्यूचुअल फंड में सबसे बड़ा अंतर यह है कि ईटीएप केवल स्टॉक एक्सचेंज से ट्रेड यानी खरीदा या बेचा जा सकता है. जस तरह आप शेयर बेचते या खरीदते हैं, उसी तरह ETF भी ट्रेड किए जाते हैं.
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