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एविएशन कंपनी इंडिगो ने किया ऐलान, बनाएगी तीन हजार करोड़ रुपये जुटाने की योजना

Rounak Dey
11 May 2021 5:29 AM GMT
एविएशन कंपनी इंडिगो ने किया ऐलान, बनाएगी तीन हजार करोड़ रुपये जुटाने की योजना
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जो अभी भी वर्षों में अपने वित्तीय प्रदर्शन के कारण धन जुटा सकती हैं.

कोरोना की दूसरी लहर ने भी एयरलाइन कंपनियों की चिंता बढ़ा दी है. कोरोना महामारी के देखते हुए देश की पहली कैश रिजर्व रखने वाली एविएशन कंपनी इंडिगो (IndiGo) को ऑपरेट करने वाली इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड के बोर्ड ऑफर डायरेक्टर्स ने क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) से 3,000 करोड़ रुपए जुटाने की मंजूरी दे दी है. कंपनी ने बीएसई को यह जानकारी दी.

इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने 10 मई, 2021 को आयोजित अपनी बैठक में क्यूआईपी से 3,000 करोड़ रुपए तक रकम जुटाने की मंजूरी दे दी है. इससे पहले 7 मई को इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड का बोर्ड क्यूआईपी प्रक्रिया के जरिए रकम जुटाने पर विचार करने के लिए बैठक किया था. क्यूआईपी मानक नियामक अनुपालन से गुजरने के बिना जनता को शेयर जारी करने का एक तरीका है.
कोरोना ने बिगाड़ा खेल
बता दें कि कोरोना महामारी का एविएशन सेक्टर पर बहुत बुरा असर पड़ा है. महामारी के चलते घरेलू और इंटरनेशनल उड़ानें प्रभावित हुई है. देश में जारी कोरोना की दूसरी लहर के चलते करीब 20 देशों ने भारत से यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया है. कई देशों ने भारत से आने वाले यात्रियों को कोविड निगेटिव टेस्ट रिपोर्ट को आवश्यक बना दिया है.
2 महीने बाद मई 2020 में दोबारा उड़ाने शुरू हुई. देश भर में एक दिन में 30,000 से ज्यादा यात्रियों ने ट्रैवल किया. उड़ानों की संख्या बढ़ने के साथ ही हवाई यात्रियों की संख्या बढ़ती गई और 27 मार्च, 2021 को 2336 फ्लाइट्स से करीब 2.8 लाख यात्रियों ने ट्रैवल किया.
लेकिन कोरोना की दूसरी लहर से यात्रियों की संख्या एक बार फिर घटने लगी. एविएशन मिनिस्ट्री की ट्वीट के मुताबिक, चल रहे कोविड लहर में 8 मई को घरेलू यात्रियों की संख्या घटकर 79,000 रह गई.
बंद हो सकती हैं कंपनियां
अधिकांश भारतीय एयरलाइन कंपनियां नकदी-तंगी और ऑपरेशन चालू रखने के लिए संघर्षरत हैं. अगर चल रही कोविड लहर जल्द ही खत्म नहीं हुई तो इंडियन एविएशन सेक्टर में किंगफिशर (Kingfisher) और जेट (Jet) जैसे हालत हो सकते हैं. इंडिगो उन कुछ एयरलाइनों में से एक है जो अभी भी वर्षों में अपने वित्तीय प्रदर्शन के कारण धन जुटा सकती हैं.


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