ऑटोमोबाइल राहत, जुलाई में 45 फीसदी बढ़ी पैसेंजर वाहनों की सेल
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| भारत में यात्री वाहनों की थोक बिक्री जुलाई में 45 प्रतिशत बढ़कर 2,64,442 यूनिट हो गई है, जो पिछले साल इसी महीने में 1,82,779 यूनिट थी. सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के नए आंकड़ों के अनुसार दोपहिया वाहनों की थोक बिक्री जुलाई में दो प्रतिशत घटकर 12,53,937 यूनिट रह गई, जो एक साल पहले इसी अवधि में यह 12,81,354 यूनिट थी.
मोटरसाइकिलों की बिक्री पिछले महीने 8,37,096 यूनिट रही, जो जुलाई 2020 में 8,88,520 यूनिट थी, यानी इसमें 6 प्रतिशत की कमी दर्ज की गयी. स्कूटरों की बिक्री जुलाई 2020 के 3,34,288 यूनिट्स से 10 प्रतिशत बढ़कर इस साल जुलाई में 3,66,292 यूनिट हो गई. इसी तरह, तिपहिया वाहनों की बिक्री पिछले महीने 41 प्रतिशत बढ़कर 17,888 यूनिट हो गई, जो एक साल पहले इसी महीने में 12,728 यूनिट थी.
कमर्शियल वाहनों को छोड़कर सभी कटेगरीज में कुल बिक्री पिछले साल जुलाई के 14,76,861 यूनिट्स की तुलना में 15,36,269 यूनिट रही.
सियाम के जनरल डायरेक्टर राजेश मेनन ने कहा कि ग्लोबल सेमीकंडक्टर की कमी और कमोडिटी की कीमतों में भारी वृद्धि के रूप में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को भारी बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है. एक ओर, इंडस्ट्री अपने लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए ऐसी सप्लाई चेन की चुनौतियों का मैनेजमेंट कर रहही है. दूसरी ओर, इंडस्ट्री भारत और दुनिया भर में तीसरी लहर की शुरुआत पर भी कड़ी नजर रखे हुए है. मेनन ने कहा, "ऐसे चुनौतीपूर्ण और अनिश्चित कारोबारी माहौल के बीच, इंडस्ट्री प्रोडक्शन और बिक्री को अधिकतम करने की कोशिश कर रही है."
जुलाई में खुदरा बिक्री भी बढ़ी
ऑटोमोबाइल डीलर्स के निकाय फाडा ने हाल में ही कहा कि राज्यों द्वारा कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए लागू किए गए प्रतिबंधों में ढील देने के चलते जुलाई में पूरे देश में ऑटो खुदरा बिक्री तेजी से बढ़ी है. इस दौरान यात्री वाहनों, दोपहिया और वाणिज्यिक वाहनों सहित सभी वाहन खंडों ने मजबूत बिक्री वृद्धि दर्ज की. जुलाई में कुल बिक्री 34 प्रतिशत बढ़कर 15,56,777 यूनिट रही, जो पिछले साल के इसी महीने में 11,60,721 यूनिट थी.
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के अध्यक्ष विंकेश गुलाटी ने एक बयान में कहा, ''पूरा देश खुला होने के साथ जुलाई में ऑटो खुदरा बिक्री में मजबूत सुधार देखा गया. सभी कटेगरीज में मांग अधिक रही. इसके अलावा कम आधार प्रभाव की भी भूमिका है.''