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अप्लायंस और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स का बाजार, 5-6 सालों में इसे 2 लाख करोड़ के पार पहुंच जाने का अनुमान

Tulsi Rao
3 Oct 2021 3:31 PM GMT
अप्लायंस और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स का बाजार, 5-6 सालों में इसे 2 लाख करोड़ के पार पहुंच जाने का अनुमान
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अर्थव्यवस्था और घरेलू बाजार में वृद्धि के दम पर भारतीय उपकरण और इलेक्ट्रॉनिक्स उपभोक्ता उद्योग का कारोबार अगले पांच से छह सालों में दोगुना से अधिक बढ़कर दो लाख करोड़ रुपए पर पहुंच जाएगा

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अर्थव्यवस्था और घरेलू बाजार में वृद्धि के दम पर भारतीय उपकरण और इलेक्ट्रॉनिक्स उपभोक्ता उद्योग का कारोबार अगले पांच से छह सालों में दोगुना से अधिक बढ़कर दो लाख करोड़ रुपए पर पहुंच जाएगा. उद्योग मंडल CEAMA के अध्यक्ष एरिक ब्रेगेंजा ने यह बात कही. उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स और उपकरण विनिर्माता संघ (CEAMA) के नए अध्यक्ष के रूप में पदभार संभालने के बाद ब्रेगेंजा ने कहा कि बढ़ती मांग के साथ तालमेल बिठाने को लेकर उद्योग को आयात पर निर्भरता दूर करने के लिए भारत में एक अधिक मजबूत घटक आधार बनाने की भी आवश्यकता है.

उन्होंने कहा कि इसके लिए देश में अब उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (PLI Scheme) जैसी योजनाएं भी मौजूद है. उद्योग मंडल के अध्यक्ष ने कहा कि उद्योग को अपने विनिर्माण के साथ अधिक एकीकृत होने, अपने घटक आधार को मजबूत करने और मूल्य प्रतिस्पर्धा को प्राप्त करने की आवश्यकता है. ब्रेगेंजा ने कहा कियह सभी पहलू उद्योग के विकास को गति देने और भारत को इस क्षेत्र में एक प्रमुख विनिर्माण और निर्यात आधार बनाने के लिए सबसे जरुरी है.
वर्तमान में 75 हजार करोड़ का है बाजार
वर्तमान में अप्लायंस और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स का भारतीय बाजार करीब 75 हजार करोड़ रुपए का है. कोरोना काल में सप्लाई और डिमांड का चेन पूरी तरह बिगड़ा गया इसके अलावा सेमी कंडक्टर क्राइसिस के कारण भी इस सेक्टर पर काफी नकारात्मक असर हुआ है. इसके बावजूद जिस रफ्तार से कीमत में उछाल आ रहा है उस रफ्तार से अगले 5-6 सालों के भीतर यह बाजार 2 लाख करोड़ का हो जाएगा.
इनपुट कॉस्ट काफी बढ़ गया है

ब्रेगेंजा ने यह भी कहा कि कीमत में तेजी आने के पीछे कई कारण हैं. इनपुट कॉस्ट काफी बढ़ गई है. पूरी दुनिया में इनपुट कॉस्ट में तेजी आई है. कच्चा माल महंगा हो गया है साथ ही ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट बहुत तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे में कीमत में तेजी लाजिमी है. उनका मानना है कि धीरे-धीरे चीजें नॉर्मल हो रही हैं. ऐसे में लोग बड़े पैमाने पर खरीदारी करेंगे. पिछले 1.5 साल से कोरोना के कारण लोगों ने इस सेगमेंट में कम खरीदारी की है.


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