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अधिक का स्टॉक बोनस दिया है. इसका मकसद उन्हें फेसबुक (मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक) जैसी प्रतिद्वंद्वी कंपनियों में जाने से रोकना है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में से एक ऐप्पल (Apple) टेंशन में है. खासकर टेक सेक्टर में टैलेंट के युद्ध में. महामारी में क्रिप्टोकरंसी, अमेज़ॅन, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, जूम और नेटफ्लिक्स जैसे बड़े दिग्गजों में तेजी से विकास देखा. नए स्टार्टअप्स को फंडिंग करने वाले वेंचर कैपिटलिस्ट्स में भी तेजी आई है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट की मानें तो, ऐप्पल ने अपने कुछ चुनिंदा इंजीनियरों को एक करोड़ रुपये से अधिक का स्टॉक बोनस दिया है. इसका मकसद उन्हें फेसबुक (मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक) जैसी प्रतिद्वंद्वी कंपनियों में जाने से रोकना है.
कंपनी ने अचानक दिया कर्मचारियों को बोनस
कंपनी ने समय से पहले अपने चुनिंदा कर्मचारियों को बोनस दिया है, जिससे वो काफी हैरान हैं. राशि 50,000 डॉलर (37,36,275 रुपये) से 180,000 डॉलर (1,34,50,590 रुपये) तक थी. सॉफ्टवेयर इंजीनियरों और संबंधित तकनीकी पेशेवरों को स्टॉक में लगभग 80,000 डॉलर, 100,000 डॉलर या 120,000 डॉलर प्राप्त हुए. यूएस में स्थित "सॉफ़्टवेयर इंजीनियर" के लिए लिंक्डइन पर एक खोज प्रकाशन के समय 213,259 लिस्टिंग दिखाती है.
इन कर्मचारियों को दिया गया बोनस
अगर Apple के शेयर की कीमत में वृद्धि जारी रहती है तो वैल्युएशन के हिसाब से इंजीनियर्स के बोनस की रकम भी बढ़ती जाएगी. कंपनी ने जिन कर्मचारियों को बोनस दिया, उसमें सिलिकॉन डिजाइन, हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और ऑपरेशंस ग्रुप के कर्मचारी शामिल हैं.
क्या है बोनस देने की वजह
ऐप्पल का फोकस अपने टैलेंटेड कर्मचारियों को फेसबुक जैसी प्रतिद्वंद्वी कंपनियों में जाने से रोकना है. सिलिकॉन वैली में कई टेक कंपनियां एक दूसरे के कर्मचारियों को हायर कर रही हैं. Apple के करीब 100 इंजीनियर्स को मार्क जुकरबर्ग की कंपनी मेटा में जोड़ लिया है. मतलब मेटा में कई ऐप्पल कर्मचारियों की ज्वाइनिंग हुई है. ऐसे में ऐप्पल ने अपने कर्मचारियों को रोकने के लिए बड़ा दांव खेला है.
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