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एप्पल आपके साथ कर रहा चीटिंग! करोड़ों रुपये का नुकसान, यहां जानिए सारे आंकड़े

Tulsi Rao
14 March 2022 9:59 AM GMT
एप्पल आपके साथ कर रहा चीटिंग! करोड़ों रुपये का नुकसान, यहां जानिए सारे आंकड़े
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इस तरीके से ऐप्पल को तो फायदा हो रहा है लेकिन लोगों को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है..

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। यह कहना गलत नहीं होगा कि ऐप्पल (Apple) दुनिया के सबसे प्रीमियम स्मार्टफोन्स बनाता है और इन स्मार्टफोन्स को बेचकर जबरदस्त कमाई भी करता है. इन बेहद महंगे iPhones से पैसे कमाने के साथ-साथ ऐप्पल एक और तरीके से करोड़ों रुपये कमा रहा है. इस तरीके से ऐप्पल को तो फायदा हो रहा है लेकिन लोगों को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है..

Apple आपके साथ कर रहा है Cheating
आपने ध्यान दिया होगा कि अपने iPhone को बेचते समय ऐप्पल उसके साथ न ही चार्जर के अडैप्टर देता है और न ही इयरपॉड्स. जहां ऐप्पल ने अपने इस कदम के पीछे का कारण पर्यावरण की रक्षा को बताया है, वहीं आलोचकों का मानना है कि मुख्य रूप से, ऐप्पल इस कदम से पैसे कमा रहा है और लोगों को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है. दरअसल, ऐप्पल iPhones के साथ चार्जर का अडैप्टर और इयरबड्स नहीं देता है लेकिन उन्हें अलग से बेचकर पैसे कमाता है.
इस तरह कमा रहा है करोड़ों रुपये
आइए देखते हैं कि ऐप्पल iPhones के साथ चार्जर और इयरबड्स न देकर कितने पैसे कमा लेता है. कंपनी Apple iPhones को £1,549 (करीब 1,54,484 रुपये) में बेचता है और इस तरह हर फोन से करीब £27 (2,693 रुपये) की बचत होती है, जबकि एडॉप्टर और इयरफोन्स या इयरबड्स को अलग से £19 (1,896 रुपये) में बेचता है.
सीसीएस इनसाइट के हेड टेक एनालिस्ट बेन वुड का यह कहना है कि ऐप्पल ने दुनिया भर में 190 मिलियन iPhones बेचे हैं. iPhone के साथ चार्जर और इयरफोन्स या इयरबड्स न देने से कंपनी को £5 बिलियन (4,98,83,23,69,500 रुपये) तक की बचत हुई है, ऐसी उम्मीद की जा रही है. साथ ही, ऐक्सेसरीज की बिक्री से ऐप्पल ने £225 मिलियन (लगभग 22,44,09,21,341 रुपये) रिवेन्यू और प्राप्त किया है.
Apple का दावा
अब हम आपको बताते हैं कि ऐप्पल अपने इस कदम को लेकर क्या सफाई पेश करता आ रहा है. ऐप्पल साल 2020 से पर्यावरण को होने वाले नुकसान की वजह से iPhone के साथ चार्जर और अडैप्टर नहीं दे रहा है. कंपनी का कहना है कि उनका उद्देश्य इलेक्ट्रिक कचरे को कम करना है. कंपनी का यह दावा है कि उनके इस कदम से कार्बन इमिशन में दो मिलियन मीट्रिक टन की कटौती हुई है.


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