मेटावर्स को इंटरनेट का भविष्य माना जा रहा है और दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनियों में शामिल मेटा और माइक्रोसॉफ्ट इसकी ओर कदम बढ़ा चुकी हैं। टेक कंपनी ऐपल मेटावर्स का हिस्सा बनेगी या नहीं, इससे जुड़े कयास लगातार लगते रहे हैं और अब CEO टिम कुक की राय सामने आई है।टिम का मानना है कि मेटावर्स में ढेरों संभावनाएं हैं और उनकी कंपनी भी इसमें जरूरी निवेश कर रही है। पल इनसाइडर के मुताबिक, मेटावर्स के बारे में पूछने पर टिम कुक ने इससे जुड़ी संभावनाओं का जिक्र किया।
वह 2022 की पहली तिमाही में कंपनी की कमाई की जानकारी दे रहे थे। टिम ने कहा, "हम इनोवेशन बिजनेस से जुड़ी कंपनी हैं और हमारे ऐप स्टोर पर 14,000 से ज्यादा AR ऐप्स मौजूद हैं।" हालांकि, उन्होंने अपने जवाब में कहीं मेटावर्स शब्द इस्तेमाल नहीं किया। उन्होंने बताया कि ऐपल ने रिसर्च और डिवेलपमेंट पर होने वाला खर्च बढ़ाया है। मेटावर्स ऐसी वर्चुअल दुनिया को कहा गया है, जहां सभी सेवाएं वर्चुअल होंगी और NFT जैसे वर्चुअल असेट्स और क्रिप्टोकरेंसीज एक्सचेंज किया जा सकेगा। अभी यूजर्स अपने प्रोफाइल दूसरों के साथ शेयर कर सकते हैं और मेटावर्स में एकदूसरे के वर्चुअल अवतार से मिलने का विकल्प होगा। सुनने में बेशक यह अनोखा या फिर अजीब लगे लेकिन आने वाले दिनों में असली जिंदगी और वर्चुअल दुनिया एकदूसरे से जुड़ सकती हैं।
कैलिफोर्निया की टेक कंपनी अपने यूजर्स को आईपैड प्रो और आईफोन 12 प्रो मॉडल्स में LiDAR सेंसर देने के बाद से ही मेनस्ट्रीम AR एक्सपीरियंस की ओर कदम बढ़ा रही है। लंबे वक्त से ऐपल के VR हेडसेट से जुड़े लीक्स सामने आ रहे हैं, जिसे कंपनी इस साल लॉन्च कर सकती है। इस हेडसेट और खास ऐपल सॉफ्टवेयर की मदद से वर्चुअल दुनिया में यूजर्स एकदूसरे से बातें कर सकेंगे और उसे महसूस कर पाएंगे। नवंबर, 2020 में ऐपल CEO टिम कुक ने बताया था कि उन्होंने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रखा है और उनके पास डिजिटल कॉइन्स हैं। कुक तब न्यू यॉर्क टाइम्स की ऑनलाइन समिट के होस्ट एंड्र्यू रॉस सॉर्किन से बात कर रहे थे। हालांकि, उन्होंने ऐपल पे की मदद से क्रिप्टोकरेंसी पेमेंट का विकल्प हालिया कुछ साल में देने से इनकार किया था। उन्होंने कहा था कि ऐपल अभी क्रिप्टो और इससे जुड़ी टेक्नोलॉजी को समझ रही है।
कई बड़े नामों को मेटावर्स पर भरोसा नहीं
बीते दिनों टेस्ला CEO एलन मस्क ने मेटावर्स के आइडिया पर तंज कसा है। मस्क को नहीं लगता कि यूजर्स मेटावर्स से जुड़ी वर्चुअल दुनिया को असली चीजों से ज्यादा महत्व देंगे। प्लेस्टेशन बनाने वाले केन कुटारागी ने भी ब्लूमबर्ग को दिए हालिया इंटरव्यू में मेटावर्स को अगली बड़ी शुरुआत मानने से इनकार कर दिया है। ऐपल, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, मेटा और सोनी की ओर से डिवेलप किए जा रहे AR/VR हेडसेट्स को लेकर भी केन का रवैया सकारात्मक नहीं है।
मेटा के अलावा भी ढेरों कंपनियां इसमें निवेश कर रही हैं। ग्रेस्केल की रिपोर्ट में कहा गया है कि मेटावर्स की वैल्यू आने वाले दिनों में ट्रिलियन डॉलर (अरबों रुपये) तक पहुंच सकती है। नाइकी और एडिडास जैसी कंपनियां अपने NFTs लॉन्च कर रही हैं।