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किसानों की आमदनी बढ़ाने उठाया एक और कदम.....जानें इससे जुड़ी 5 बड़ी बातें

Bhumika Sahu
17 Feb 2022 6:17 AM GMT
किसानों की आमदनी बढ़ाने उठाया एक और कदम.....जानें इससे जुड़ी 5 बड़ी बातें
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वित्त वर्ष 2021 में 41.25 बिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब 3.09 लाख करोड़ रुपये) के कृषि और उससे जुड़े प्रोडक्ट के कुल एक्सपोर्ट के साथ, भारत दुनिया में एग्रीकल्चर प्रोडक्ट के 15 प्रमुख एक्सपोटर्स में से एक देश बन गया है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारत दुबई में अपने कृषि और खाद्य प्रसंस्करण कौशल का प्रदर्शन करेगा. भारत विश्‍व के निवेशकों के सामने मिलट्स (Millets) यानी बाजरे सहित मोटे अनाज, जैविक खेती, बागवानी और डेयरी में निवेश के अवसरों का प्रदर्शन करेगा.दुबई एक्सपो (Dubai Expo) के हिस्से के रूप में मिलट्स खाद्य महोत्सव का आयोजन किया जाएगा. दुबई में होने वाले एक्सपो के दौरान भारत वैश्विक खाद्य प्रसंस्करण उद्योग (Food Processing ) के लिए पसंदीदा सोर्सिंग पार्टनर बनने पर जोर देगा और अंतरराष्ट्रीय सहयोग का पता लगाने और अपनी निर्यात क्षमता को और मजबूत करने के तरीकों पर विचार-विमर्श करने के लिए विभिन्न सेमिनारों और सम्मेलनों का आयोजन करेगा. आपको बता दें कि वित्त वर्ष 2021 में 41.25 बिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब 3.09 लाख करोड़ रुपये) के कृषि और उससे जुड़े प्रोडक्ट के कुल एक्सपोर्ट के साथ, भारत दुनिया में एग्रीकल्चर प्रोडक्ट के 15 प्रमुख एक्सपोटर्स में से एक देश बन गया है. एक्सपोर्ट के जरिए सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने पर फोकस कर रही है.

जानिए क्या है सरकार का नया प्लान
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय में अपर सचिव, डॉ. अभिलक्ष लिखी, 17 फरवरी, 2022 को एक्‍सपो-2020 दुबई के इंडिया पवेलियन में 'खाद्य, कृषि और आजीविका' पर फोकस बढ़ाएंगी. इसमें फूड प्रोसेसिंग, बागवानी, डेयरी, मत्स्य पालन, और जैविक खेती जैसे क्षेत्रों में भारत के कौशल और इन क्षेत्रों में विशाल निवेश के अवसरों का प्रदर्शन किया जाएगा.
'मिलट्स' के हिस्से के रूप में, इस पखवाड़े के दौरान मिलट्स फूड फेस्टिवल का आयोजन किया जाएगा और मिलट्स बुक का विमोचन भी किया जाएगा. मिलट्स के स्वास्थ्य और पोषण संबंधी लाभों के बारे में ध्‍यान केन्द्रित करने के लिए विभिन्न सेमिनारों का आयोजन किया जाएगा. यहां यह भी उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अभी हाल ही में भारत द्वारा प्रायोजित और 70 से अधिक देशों द्वारा समर्थित संकल्प को अपनाया है, जिसमें वर्ष 2023 को 'अंतर्राष्ट्रीय मिलट्स वर्ष' के रूप में घोषित किया गया है.
देश में कृषि अपने संबद्ध क्षेत्रों के साथ सबसे बड़ा आजीविका प्रदाता क्षेत्र है. यह क्षेत्र समग्र सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में लगभग 21 प्रतिशत का महत्वपूर्ण योगदान देता है. वित्त वर्ष 2021 में 41.25 बिलियन अमेरिकी डॉलर के कृषि और संबद्ध उत्पादों के कुल निर्यात के साथ, भारत दुनिया में कृषि उत्पादों के 15 प्रमुख निर्यातकों में से एक देश बन गया है.
इस क्षेत्र की अप्रयुक्त क्षमता का लाभ उठाने के लिए, सरकार ने स्वचालित मार्ग के तहत खाद्य उत्पादों और खाद्य उत्पाद ई-कॉमर्स के विपणन में शत-प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दी है. पीएलआई योजना के तहत खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के लिए 10,900 करोड़ रुपये (1,484 मिलियन अमेरिकी डॉलर) के प्रोत्साहन परिव्यय की भी स्‍वीकृति दी गई है. इसके अलावा, वर्ष 2021-22 तक भारत का कृषि निर्यात 60 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक बढ़ाने और अगले कुछ वर्षों में इसे 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक करने के लिए व्‍यापक कृषि निर्यात नीति भी शुरू की गई है.
वैश्विक खपत पूर्व-महामारी स्‍तर पर पहुंचने से कृषि क्षेत्र के सिंचाई सुविधा, गोदाम और कोल्ड स्टोरेज जैसे बुनियादी ढांचे के निवेश में बढ़ोतरी देखी जा रही है.इस पखवाड़े में भारत के कई वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भी शामिल होंगे जो विभिन्न सत्रों के दौरान उपस्थित रहेंगे. 'खाद्य, कृषि और आजीविका' पखवाड़ा 2 मार्च को समाप्‍त होगा.


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