बजट में इंफ्रा विकास के लिए राज्यों को 1 लाख करोड़ रुपये देने की घोषणा, खजाने की स्थिति में सुधार की उम्मीद
नई दिल्ली: कोरोना की वजह से केंद्र के राजस्व पर वित्त वर्ष 2020-21 में जो असर पड़ा था, उसका प्रभाव राज्यों के वित्तीय प्रदर्शन पर भी दिखा था। चालू वित्त वर्ष में केंद्र ने तो राज्यों को काफी मदद देकर उनकी वित्तीय स्थिति को सुधारा है, लेकिन बाजार से उधारी लेने की वजह से राज्यों के खजाने की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। बहरहाल, इस स्थिति में इस वर्ष अप्रैल से शुरू हो रहे वित्त वर्ष के दौरान काफी सुधार आने की उम्मीद है। इसकी मुख्य वजह यह है कि एक तरफ जीएसटी संग्रह बढ़ने से केंद्र की तरफ से राज्यों को ज्यादा राजस्व हिस्सेदारी मिलेगी। दूसरी तरफ उन्हें खुले बाजार से अधिक कर्ज भी नहीं लेना पड़ेगा। इसके साथ ही कोरोना काल में बिजली क्षेत्र समेत कई अन्य सुधारों के लिए बहुत ही कम दर पर कर्ज देने की घोषित योजना भी अब रफ्तार पकड़ने वाली है। इन सबका फायदा राज्यों को मिलेगा।