सेमीकंडक्टर की मैन्युफैक्चरिंग के लिए रियायतों की घोषणा, एचसीएल-रिलायंस साथ मिलकर बनाएंगी सेमीकंडक्टर
मुंबई: रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) और एचसीएल टेक्नोलॉजीज सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में उतर सकती हैं। दोनों कंपनियां आईएसएमसी एनालॉग में 30-30 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए बात कर रही हैं। केंद्र सरकार ने सेमीकंडक्टर की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए कई रियायतों की घोषणा की है। इससे सेमीकंडक्टर क्षेत्र में घरेलू कंपनियों की दिलचस्पी बढ़ रही है। आईएसएमसी एनालॉग में रिलायंस और एचसीएल 4,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश कर सकती हैं। इसके लिए दोनों कंपनियों की अलग-अलग बातचीत चल रही है। अगर यह सौदा होता है तो रिलायंस और एचसीएल आईएसएमसी एनालॉग में जगह पा सकती हैं। रिलायंस के इस सौदे का मकसद यह है कि वह सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन का ज्यादातर हिस्सा देश में तैयार करना चाहती है। रिलायंस अभी गूगल के साथ श्रीपेरंबदुर और तिरुपति में फीचर फोन और स्मार्टफोन बनाती है। सेमीकंडक्टर चिप्स का फोन में भी इस्तेमाल होता है।
16-18 फीसदी की दर से बढ़ रहा सेमीकंडक्टर बाजार: भारत में सेमीकंडक्टर बाजार 16-18 फीसदी चक्रवृद्धि दर से बढ़ रहा है। इसमें खासतौर पर डिजिटल इकॉनमी के रफ्तार पकड़ने से तेजी आई है। भारत से बड़े पैमाने पर सेमीकंडक्टर के निर्यात की भी संभावना है। इसलिए इस क्षेत्र में निवेशकों की दिलचस्पी बनी रहेगी।
चीन और ताइवान के तनाव का होगा फायदा: भारत इस उद्योग को ऐसे समय में बढ़ावा दे रहा है, जब चीन और ताइवान के बीच तनाव बढ़ा है। दुनिया की सबसे बड़ी कॉन्ट्रैक्ट चिप बनाने वाली कंपनी ताइवान की टीएसएमसी है। ताइवान इलेक्ट्रॉनिक्स और चिप बनाने के क्षेत्र में भारत के साथ सहयोग बढ़ाना चाहता है। सरकार का मकसद सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री के लिए इकोसिस्टम तैयार करना है। वह पीएलआई से 18 सेक्टर को मैन्युफैक्चरिंग में मदद दे रही है, जिसमें से कुछ में शानदार कामयाबी मिली है।