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वेदांता ग्रुप (Vedanta Group) के मालिक अनिल अग्रवाल (Anil Agarwal) का देश में पहला सेमीकंडक्टर प्लांट (Semiconductor Plant) लगाने का सपना टूटने की कागर पर पहुंच गया है. इस 'सपने' में उनकी साथी रही ताइवान की कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग कंपनी फॉक्सकॉन (Foxconn) अब दूसरा साथी तलाश रही है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो फॉक्सकॉन भारत की दूसरी कंपनियों के साथ बातचीत कर रही है, ताकि वेदांता को छोड़कर उनके साथ सेमीकंडक्टर प्लांट लगाने की योजना पर आगे बढ़ा जा सके. बता दें कि वेदांता और फॉक्सकॉन ने सेमीकंडक्टर प्लांट के लिए पिछले साल एक जॉइंट वेंचर बनाया था. दोनों ने गुजरात सरकार के साथ 1,54,000 करोड़ रुपए के समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर भी किए थे, लेकिन कई कारणों के चलते बात आगे नहीं बढ़ सकी.
मतभेद आए सामने
अनिल अग्रवाल ने गुजरात के धोलेरा में बनाए जाने वाले इस सेमीकंडक्टर प्लांट को अपना ड्रीम प्रोजेक्ट करार दिया था. दोनों कंपनियां जिस तरह से तैयारी दर्शा रही थीं, उसे देखकर लग रहा था कि भारत को जल्द ही अपना पहला सेमीकंडक्टर प्लांट मिल जाएगा. लेकिन अंजाम तक पहुंचने से पहले ही वेदांता और फॉक्सकॉन में मतभेद सामने आ गए. इसके अलावा, पिछले कुछ समय से अनिल अग्रवाल तमाम तरह की परेशानियों में घिरे हुए हैं. कर्ज का बोझ और सरकार की नाराजगी उन्हें परेशान किए जा रही है. दरअसल, अग्रवाल अपनी एक कंपनी में हिस्सेदारी बेचना चाहते हैं, मगर सरकार उनके इस फैसले से खासी नाराज है. उन्हें कानूनी कार्रवाई की चेतावनी तक मिल चुकी है.
फॉक्सकॉन को मिली सलाह
रिपोर्ट्स में बताया गया है कि फॉक्सकॉन और वेदांता के बीच कई मतभेद सामने आए हैं. इसके अलावा, अनिल अग्रवाल की परेशानियों को देखते हुए फॉक्सकॉन को शक है कि सेमीकंडक्टर प्लांट के लिए वो पहले जैसी तैयारी दिखा पाएंगे. इसलिए उसने दूसरे बिजनेस घरानों से बातचीत शुरू कर दी है. कहा ये भी जा रहा है कि ताइवान की इस कंपनी को वेदांता से रिश्ता तोड़कर किसी दूसरी कंपनी के साथ प्लांट लगाने पर विचार करना चाहिए. हालांकि, वेदांता ग्रुप का दावा है कि फॉक्सकॉन के साथ उसका जॉइंट वेंचर कायम है और सेमीकंडक्टर प्लांट बनाने की योजना खत्म नहीं हुई है.
दो घरानों से बातचीत
वेदांता रिसोर्सेस लिमिटेड ने कर्ज चुकाने के लिए हाल में ही 45 करोड़ डॉलर की रकम जुटाई है. अडानी समूह पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद से अनिल अग्रवाल का पूरा फोकस कर्ज चुकाने पर केंद्रित हो गया है. वहीं, एक्सपर्ट्स का मानना है कि वेदांता पर कर्ज का बोझ अब भी चिंता का विषय है और आने वाले समय में वेदांता ग्रुप की वित्तीय मुश्किल बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं. ऐसे में यदि फॉक्सकॉन सेमीकंडक्टर प्लांट पर वेदांता के साथ आगे बढ़ती है, तो उसे भी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. बताया जा रहा है कि फॉक्सकॉन ने भारत के दो दिग्गज कारोबारी घराने से प्लांट की योजना पर शुरुआती बातचीत की है.
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