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लाभ मार्जिन में बढ़ोतरी की घोषणा नहीं करने से नाराज

Sonam
22 July 2023 12:11 PM GMT
लाभ मार्जिन में बढ़ोतरी की घोषणा नहीं करने से नाराज
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नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के पेट्रोलियम डीलरों ने शनिवार से राष्ट्रव्यापी हड़ताल की धमकी दी है क्योंकि वे शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार से असंतुष्ट हैं। एक पाकिस्तानी अखबार की खबर के अनुसार पाकिस्तान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन (पीपीडीए) के अध्यक्ष समीउल्लाह खान ने यहां संवाददाता सम्मेलन में दो प्रमुख पेट्रोलियम उत्पादों की बिक्री पर लाभ मार्जिन को बढ़ाकर पांच प्रतिशत करने में सरकार की असमर्थता पर निराशा जताई

पांच प्रतिशत मार्जिन निर्धारित होने पर 12 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ेंगे भाव

रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान में पेट्रोलियम डीलर्स के लिए मार्जिन 6 रुपये प्रति लीटर (2.4 प्रतिशत) निर्धारित है। 5 प्रतिशत मार्जिन निर्धारित होने पर यह 12 रुपये प्रति लीटर से अधिक होगा। पेट्रोल और डीजल की मौजूदा कीमत क्रमशः 253 रुपये प्रति लीटर और 253.50 रुपये प्रति लीटर है। पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों के निर्धारण के लिए 16 जुलाई से प्रभावी नवीनतम पाक्षिक दरों से संकेत मिलता है कि डीलरों को दावा किए गए 6 रुपये प्रति लीटर के बजाय 7 रुपये प्रति लीटर का मुनाफ हो रहा है।

शहबाज सरकार ने सत्ता में आने के बाद किया था मार्जिन बढ़ाने का वादा

हालांकि, यह 7 रुपये की यह मार्जिन डीलरों की ओर से लगातार की जा रही 5 प्रतिशत की मांग से काफी कम है। बता दें कि शहबाज शरीफ सरकार ने अप्रैल 2022 में सत्ता संभालने के बाद डीलरों के लिए 5 प्रतिशत मार्जिन की घोषणा करने का वादा किया था। एक डीलर ने बाद में अखबार को बताया कि राज्य मंत्री (पेट्रोलियम डिवीजन) मुसादिक मलिक ने एसोसिएशन के अध्यक्ष से संपर्क किया और शनिवार को कराची में उनके साथ एक बैठक आयोजित करने का वादा किया। लेकिन, अगर कोई बैठक नहीं होती है या कोई संतोषजनक परिणाम नहीं निकलता है, तो हड़ताल जारी रहेगी। मुहर्रम के दो दिनों 9-10 (28-29 जुलाई को) हड़ताल में छूट दी जाएगी ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि धार्मिक आयोजन प्रभावित न हो।

डीलर्स के अनुसार मौजूदा मार्जिन के साथ फिलिंग स्टेशन चलाना लगभग असंभव

रिपोर्ट्स के अनुसार कारोबार करने की बढ़ती लागत के कारण लाभ मार्जिन काफी घट गई है कई डीलरों को नुकसान होने लगा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वादे को पूरा करने में सरकार की देरी ने डीलरों को अनिश्चित स्थिति में डाल दिया है, क्योंकि संसदीय कार्यकाल अगले महीने समाप्त हो रहा है। उन्हें डर है कि अगली निर्वाचित सरकार के कार्यभार संभालने तक कार्यवाहक व्यवस्था के दौरान उन्हें अगले तीन से छह महीने के लिए अधर में छोड़ दिया जा सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि डीलरों के लिए एक और चुनौती स्थानीय बाजारों में ईरान से तस्करी से आए उत्पाद, विशेष रूप से डीजल है। जिससे बिक्री में लगभग 30 प्रतिशत की कमी आई है। डीलरों का कहना है कि मौजूदा मार्जिन के साथ फिलिंग स्टेशनों को चलाना लगभग असंभव हो गया है।

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