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महामारी की सुस्ती के बीच जमकर घर और कार खरीद रहे हैं लोग, जाने वजह
Bhumika Sahu
18 Dec 2021 3:37 AM GMT
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कोरोना महामारी की सुस्ती के बीच अब लोग घर और कार की खूब खरीदारी कर रहे हैं. अक्सर दिवाली के बाद बैंकों में रिटेल लोन यानी घर और कार के लिए कर्ज लेने वालों की संख्या में कमी आती है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना महामारी की सुस्ती के बीच अब लोग घर और कार की खूब खरीदारी कर रहे हैं. अक्सर दिवाली के बाद बैंकों में रिटेल लोन यानी घर और कार के लिए कर्ज लेने वालों की संख्या में कमी आती है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ है. बैंकों की ब्याज दर एक दशक के सबसे निचले स्तर पर हैं, जिसका फायदा ग्राहक ज्यादा से ज्यादा उठाना चाहते हैं. एक डर ये भी है कि नए साल से बैंक ब्याज दर बढ़ा सकते हैं, इसलिए भी लोग सस्ते लोन का फायदा उठा रहे हैं.
सरकारी और निजी दोनों बैंकों का कहना है कि त्योहारी सीजन बीत जाने के बाद भी रिटेल लोन डिमांड ऊंची बनी हुई है. ग्राहक घर, कार और अन्य चीजों को खरीदने के लिए निम्न ब्याज दर का भरपूर लाभ उठा रहे हैं.
ग्राहकों के लोन एप्लीकेशन में बढ़ोतरी
RBI के मुताबिक 22 अक्टूबर तक बकाया रिटेल लोन 29.55 लाख करोड़ रुपए था जो एक साल पहले की तुलना में 11.7 प्रतिशत ज्यादा है. बैंक ग्राहकों के लोन एप्लीकेशन में लगातार बढ़ोतरी देख रहे हैं, उन्हें उम्मीद है कि यह ट्रेंड सभी रिटेल सेगमेंट में आगे भी ऐसा ही बना रहेगा.
कॉरपोरेट लोन डिमांड में तेजी न आने के कारण इस समय बैंक अपनी ग्रोथ को बनाए रखने के लिए पूरी तरह से रिटेल लोन पर निर्भर हैं. इसलिए ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए त्योहारों के बाद भी विशेष ऑफर्स की पेशकश की जा रही है.
रिटेल लोन डिमांड में तेजी की उम्मीद
बैंकों को पूरा भरोसा है कि रिटेल लोन डिमांड में फिलहाल कोई कमी नहीं आने वाली है, बल्कि इसमें और तेजी आएगी, क्योंकि लोगों को ब्याज दरें बढ़ने का डर सता रहा है.
कोरोना संकट के चलते लगभग सभी सेक्टर्स को नुकसान झेलना पड़ा, त्योहारों से पहले मार्केट पूरी तरह से ठप पड़ा था, क्योंकि ज्यादातर लोगों की नौकरियां चली गई. वहीं जिनका अपना कारोबार है, उन लोगों के ऊपर भार बढ़ गया. लेकिन त्योहारों के समय स्थिति में काफी सुधार हुआ है. नए साल के साथ ही कई बदलाव भी होंगे, इसी बीच बैंकों की तरफ से लोगों को कई आकर्षक ऑफर भी दिए जा रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक बाकि सालों की तुलना में इन महीनों में काफी खरीददारी हुई है.
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