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राजनीत‍िक संकट के बीच पाक को आर्थ‍िक मोर्चे पर भी झटका, पिछले वर्ष के मुकाबले करीब 1 प्रत‍िशत कम

Tulsi Rao
14 April 2022 4:54 PM GMT
राजनीत‍िक संकट के बीच पाक को आर्थ‍िक मोर्चे पर भी झटका, पिछले वर्ष के मुकाबले करीब 1 प्रत‍िशत कम
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पाकिस्तान की आर्थिक वृद्धि दर (Economic Growth Rate) का अनुमान घटाकर 4.3 प्रत‍िशत कर द‍िया है. यह पिछले वर्ष के मुकाबले करीब 1 प्रत‍िशत कम है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। World Bank Lowers Pakistan Growth Forecast : राजनीत‍िक संकट से गुजर रहे पाक‍िस्‍तान को आर्थ‍िक मोर्चे पर भी झटका लगा है. इमरान खान (Imran Khan) को सत्‍ता से हटाए जाने के बाद शहबाज शरीफ (Shahbaz Sharif) को नया प्रधानमंत्री बनाया गया है. दूसरी तरफ पाक‍िस्‍तानी इकोनॉमी की हालत भी खराब चल रही है.

पिछले वर्ष के मुकाबले करीब 1 प्रत‍िशत कम
इस बीच पाक‍िस्‍तान के ल‍िए एक और बुरी खबर आई है. अब वर्ल्‍ड बैंक (World Bank) ने चालू वित्त वर्ष के लिए पाकिस्तान की आर्थिक वृद्धि दर (Economic Growth Rate) का अनुमान घटाकर 4.3 प्रत‍िशत कर द‍िया है. यह पिछले वर्ष के मुकाबले करीब 1 प्रत‍िशत कम है.
ऊर्जा सब्सिडी देने से अतिरिक्त बोझ पड़ा
वर्ल्‍ड बैंक की तरफ से कहा गया इमरान सरकार की तरफ से अंतिम समय में ऊर्जा सब्सिडी देने के फैसले से बजट पर अतिरिक्त बोझ पड़ा है. इतना ही नहीं इससे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के कार्यक्रम के लिए भी जोखिम पैदा हुआ है
समझौते का पालन किया
विश्व बैंक में दक्षिण एशिया क्षेत्र के लिए मुख्य अर्थशास्त्री हैंस टिमर (Hans Timmer) ने 'दक्षिण एशिया में आर्थिक ध्यान को पुन: आकार देने वाले नियम: आगे का नया रास्ता' नाम की रिपोर्ट जारी की. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने कर छूट हटाने और ईंधन पर टैक्‍स बढ़ाने के आईएमएफ के साथ अपने समझौते का पालन किया.
सरकार का बजट का भार बढ़ गया
उन्होंने कहा लेकिन घरेलू स्तर पर ऊर्जा की बढ़ती कीमतों और राजनीति में विपक्ष के दबाव के कारण पाकिस्तान सरकार को फरवरी में बिजली और ईंधन की कीमतों पर राहत देनी पड़ी. डॉन अखबार में प्रकाश‍ित खबर के अनुसार 'पाकिस्तान सरकार के इन कदमों से घरेलू कीमतों में उतार-चढ़ाव भले कम हुआ हो लेकिन इससे सरकार का बजट का भार बढ़ गया.'
टिमर ने कहा, 'चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि घटकर 4.3 फीसदी रहने का अनुमान है जो पिछले वर्ष 5.6 फीसदी थी और अगले वर्ष इसके महज चार फीसदी रहने का अनुमान है.'


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