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पाकिस्तान में आर्थिक संकट के बीच, इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार ने नेशनल असेंबली में वित्त विधेयक पेश किया था.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | पाकिस्तान में आर्थिक संकट के बीच, इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार ने नेशनल असेंबली में वित्त विधेयक पेश किया था. इस विधेयक ने पाकिस्तान की आवाम की चिंताएं बढ़ा दी है, क्योंकि अगर यह पास हो गया तो लोगों पर महंगाई की मार पड़ेगी
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान
Pakistan Economy Crisis: 'नया पाकिस्तान' का वादा कर सत्ता पर काबिज हुए इमरान खान (Pakistan PM Imran Khan) का मुल्क आज कई गंभीर आर्थिक संकटों (Economy Crisis) में घिर गया है. यूं कहें कि, पाकिस्तान के हालात इस समय इतने खराब हो गए है कि, इमरान खान सरकार के लिए एक तरफ कुआं है तो दूसरी तरफ खाई की स्थिति बन गई है. दरअसल इमरान खान पाकिस्तान को या तो आर्थिक रूप से डिफॉल्टर होने से बचा सकते हैं या फिर अपनी सरकार के खिलाफ लोगों की नाराजगी को रोक सकते हैं, क्योंकि दोनों ही चीजें अब एक समय पर करना संभव नहीं है.
इमरान खान ने पाकिस्तान के लोगों से वादा किया था कि वो देश को आर्थिक रूप से मजबूत बनाएंगे, लेकिन पड़ोसी मुल्क में आज सबकुछ उल्टा ही हो रहा है. वहीं ऐसी आशंकाएं खुद पाकिस्तानी अखबारों की रिपोर्ट से लगाई जा रही है, जिसमें इस बात को साफतौर पर कहा जा रहा है कि, देश गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है.
आर्थिक संकट के बीच वित्त विधेयक किया पेश
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार ने जहां नेशनल असेंबली में वित्त विधेयक प्रस्तुत किया था. इस पूरक वित्त बिल से पाकिस्तान की सरकार को 360 अरब रुपए यानी दो अरब डॉलर के अप्रत्यक्ष कर को लगाने का अधिकार मिल जाएगा.
इस बिल के पूर्ण रूप से पास हो जाने के बाद मशीनरी, फार्मा और आयातित फूड आइटम पर 343 अरब रुपए की सेल टैक्स छूट वापस ले ली जाएगी. इसके अलावा उत्पाद शुल्क, आय कर, सर्विसेज में सेल्स टैक्स की दरें बढ़ जाएंगी.
लोगों को निराश कर रहे हैं देश के हालात
दरअसल, पाकिस्तान की हालत देश के लोगों को निराश कर रही है, जिसके चलते लोग इमरान खान सरकार के खिलाफ उतर आए है, वहीं विपक्षी पार्टियों का भी साफतौर पर आरोप है कि, सरकार ने आईएमएफ के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है.
पाकिस्तान की आवाम के लिए चिंता की बात ये है कि, अगर यह बिल पास हो जाएगा तो उत्पाद शुल्क, आय कर, सर्विसेज में सेल्स टैक्स की दरें बढ़ जाएंगी यानी की खाने-पीने की चीजें महंगी हो जाएगी
विपक्ष के निशाने पर इमरान सरकार
उधर, पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के चेयरमैन बिलावल जरदारी भुट्टो के मुताबिक, आईएमएफ और इमरान खान की मिलीभगत की कीमत पाकिस्तान की जनता को चुकानी होगी. गौरतलब है कि, पिछले दिनों विश्व बैंक की एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ था कि, पाकिस्तान विदेशी कर्जे में डूबे टॉप 10 देशों की सूची में शामिल हो गया है.
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