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रूस यूक्रेन संकट के बीच रुपये में 99 पैसे की बहुत भारी गिरावट, 75.60 प्रति डॉलर पंहुचा

Admin Delhi 1
24 Feb 2022 3:08 PM GMT
रूस यूक्रेन संकट के बीच रुपये में 99 पैसे की बहुत भारी गिरावट, 75.60 प्रति डॉलर पंहुचा
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यूक्रेन के खिलाफ रूस के सैन्य अभियान से जोखिम वाली संपत्तियों की मांग प्रभावित होने के कारण विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में बृहस्पतिवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 99 पैसे की भारी गिरावट के साथ 75.60 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। बाजार सूत्रों ने कहा कि विदेशी मुद्रा की सतत निकासी, घरेलू शेयर बाजारों में भारी बिकवाली तथा कच्चे तेल कीमतों में तेजी के कारण निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 75.02 प्रति डॉलर पर खुलने के बाद 75.75 रुपये तक नीचे चला गया। अंत में रुपया 99 पैसे की भारी गिरावट के साथ 75.60 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। इस बीच, छह मुद्राओं की तुलना में डॉलर की मजबूती बताने वाला डॉलर सूचकांक 0.74 प्रतिशत की तेजी के साथ 96.90 पर जा पहुंचा।

वैश्विक मानक माने जाने वाले ब्रेंट क्रूड की कीमत 8.36 प्रतिशत बढ़कर 104.94 डॉलर प्रति बैरल हो गई। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक, दिलीप परमार ने कहा, ''तेल आयातकों की ओर से मासांत की डॉलर मांग के कारण एशियाई मुद्राओं में रुपया सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली मुद्रा रहा। साथ ही यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद सुरक्षित संपत्तियों में निवेश के लिए डॉलर मांग बढ़ी है।'' भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने के बीच ब्रेंट क्रूड की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल के स्तर को पार कर गयी। इससे भी रुपये की धारणा प्रभावित हुई। बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 2,702.15 अंक की गिरावट के साथ 54,529.91 अंक पर बंद हुआ। शेयर बाजारों के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल बने रहे। उन्होंने बुधवार को 3,417.16 करोड़ रुपये के शेयरों की बिकवाली की। कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड में मुद्रा वायदा और ब्याज दर वायदा के उपाध्यक्ष, अनिंद्य बनर्जी ने कहा, ''रूस की यूक्रेन के खिलाफ सैन्य अभियान की घोषणा के साथ, कच्चे तेल की कीमत 105 डॉलर प्रति बैरल हो गई है। यह वर्ष 2014 के बाद उच्च स्तर है। मजबूत अमेरिकी डॉलर इंडेक्स और कमजोर शेयर बाजार कारोबारियों को आशंकित करने के लिये पर्याप्त है।'' रिलायंस सिक्योरिटीज के वरिष्ठ अनुसंधान विश्लेषक श्रीराम अय्यर के अनुसार, रुपये में अन्य एशियाई मुद्राओं की तरह डॉलर के मुकाबले गिरावट आई।

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