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Budget Impact : बजट से लेकर अब तक दो दिन में सोना चार हजार रुपये लुढ़क चुका है। सेंसेक्स गिरकर 80,148.88 अंक पर आ गया है। चांदी की चमक गायब है और रुपया रसातल में है। बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया एक पैसे कमजोर होकर 83.70 (अस्थायी) के अपने ऑल टाइम निचले स्तर पर आ गया। सोना 69151 रुपये पर आ गया है तो चांदी 84862 पर। आइए जानें कि बजट के बाद बाजार में चौतरफा गिरावट क्यों हुई? बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स 280.16 अंक की गिरावट के साथ 80,148.88 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 678.53 अंक तक फिसलकर 79,750.51 अंक पर आ गया था। निफ्टी भी 65.55 अंक गिरकर 24,413.50 अंक पर बंद हुआ। क्यों गिरा बाजार: पीटीआई-भाषा के मुताबिक वित्तीय एवं बैंकिंग शेयरों में बिकवाली और STT एसटीटी एवं शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स में बढ़ोतरी से बुधवार को घरेलू शेयर मार्केट में गिरावट आई।
सोने-चांदी की चमक फीकी बजट के दिन से बुधवार तक दो दिन में सोना पांच फीसद से ज्यादा टूट चुका है। मंगलवार को चांदी भी 3,500 रुपये फिसली थी। इससे एक दिन पहले यह 91,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। हालांकि, बुधवार को यह 84862 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई। सोने-चांदी के दाम में क्यों आई गिरावट विश्लेषकों का कहना है कि आयात शुल्क को 15 फीसद से घटाकर छह फीसद करने से सोने और चांदी में भारी गिरावट आई है। यह कटौती बाजार को हैरान करने वाली है। वहीं, बजट में कस्टम ड्यूटी में कटौती की घोषणा के बाद दो दिन में सोने के दाम 4,000 रुपये घटकर 69151 रुपये प्रति ग्राम रह गए हैं।International market अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेजी अंतरराष्ट्रीय बाजार में बुधवार को सोने-चांदी की कीमतों में तेजी आई। कॉमेक्स में सोना छह डॉलर की तेजी के साथ 2,416.39 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया। चांदी भी मामूली बढ़त के साथ 29.38 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई। घरेलू बाजार पर क्या होगा असर
अंतरराष्ट्रीय बााजार में तेजी आई है, जिससे घरेलू कीमतों के साथ इसकी असमानता बढ़ गई। घरेलू कीमतों को भी शुल्क कटौती के पूर्ण प्रभाव को कम करने और कॉमेक्स के साथ समानता पर आने में कुछ समय लग सकता है। इस दौरान सोने की कीमतों में तेज उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। जानकारों का कहना है कि गिरावट का यह दौर आगे जारी रह सकता है और सोने के दाम 69,600 रुपये के स्तर तक आ सकते हैं। क्या करें निवेशक विशेषज्ञों ने यह भी सलाह दी है कि बीते दिनों सोने-चांदी में आए तेज उतार-चढ़ाव को देखते हुए सावधानी बरतने की भी जरूरत है। निवेशकों को चाहिए कि वे अत्यधिक उत्साहित होकर एक साथ निवेश ना करें, बल्कि धीरे-धीरे पैसा लगाएं। इसका फायदा यह होगा कि यदि दाम में गिरावट आती है तो निवेशक को दाम औसत करने का मौका मिल जाएगा। रुपया ऑल टाइम निचले स्तर पर अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया एक पैसे कमजोर होकर 83.70 (अस्थायी) के अपने ऑल टाइम निचले स्तर पर आ गया। निवेशकों का आकर्षण घटने के बीच प्रमुख विदेशी मुद्राओं के मुकाबले डॉलर के मजबूत होने से यह गिरावट आई। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 83.69 प्रति डॉलर पर खुला। दिन में कारोबार के दौरान यह 83.68 के उच्चस्तर तक गया तथा 83.72 प्रति डॉलर के निचले स्तर तक आया। अंत में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले यह 83.70 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ जो पिछले बंद भाव से एक पैसे की गिरावट है। क्यों गिरा रुपया: विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि मंगलवार को वित्त वर्ष 2024-25 के बजट BUDGET में कैपिटल गेन टैक्स में वृद्धि और इंडेक्सेशन लाभ को हटाने की घोषणा डॉलर की खरीद का मुख्य कारण थी, क्योंकि विदेशी निवेशकों ने स्टॉक बेच दिया।
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Jyoti Nirmalkar
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