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अलर्ट! 1 अप्रैल से Provident Fund के नियमों में हो रहा है बड़ा बदलाव, जानिए प्रमुख बातें

Bhumika Sahu
8 March 2022 1:57 AM GMT
अलर्ट! 1 अप्रैल से Provident Fund के नियमों में हो रहा है बड़ा बदलाव, जानिए प्रमुख बातें
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अगर किसी प्रोविडेंट फंड सब्सक्राइबर का सालाना कंट्रीब्यूशन 2.5 लाख से ज्यादा होगा तो उसका दो अलग-अलग अकाउंट बनाया जाएगा.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बजट 2021 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रोविडेंट फंड (Provident Fund)कंट्रीब्यूशन को लेकर बड़ा ऐलान किया था. उसके मुताबिक पीएफ फंड में 2.5 लाख से ज्यादा निवेश (PF Contribution) करने पर टैक्स लगेगा. CBDT भी इसको लेकर नोटिफिकेशन जारी कर चुका है. 1 फरवरी 2021 की घोषणा के मुताबिक, 1 अप्रैल 2022 से प्रोविडेंट फंड में 2.5 लाख तक निवेश पर इंट्रेस्ट इनकम पूरी तरह टैक्स फ्री होगी. उसके बाद अगर इस फंड में जमा किया जाता है तो इंट्रेस्ट इनकम टैक्सेबल होगी. गवर्नमेंट एंप्लॉयी के लिए यह लिमिट 5 लाख रुपए तक है. यह नियम केवल उनलोगों पर लागू होगा जिनका पीएफ में कंट्रीब्यूशन 2.5 लाख से ज्यादा है.

31 अगस्त 2021 को CBDT की तरफ से एक नोटिफिकेशन निकाला गया था. इस नोटिफिकेशन के मुताबिक, ऐसे कंट्रीब्यूटर्स के लिए पीएफ अकाउंट को दो अलग-अलग हिस्सों में बांट दिया जाएगा. 2.5 लाख के अलावा जो अमाउंट निवेश किया जाएगा वह दूसरे अकाउंट में जाएगा. इस अकाउंट की इंट्रेस्ट इनकम टैक्स के दायरे में आएगी. 1 अप्रैल से पीएफ को लेकर ये 5 अहम बदलाव हो रहे हैं. आइए इसके बारे में जानते हैं.
अगर किसी प्रोविडेंट फंड सब्सक्राइबर का सालाना कंट्रीब्यूशन 2.5 लाख से ज्यादा होगा तो उसका दो अलग-अलग अकाउंट बनाया जाएगा. पहले पीएफ अकाउंट में 2.5 लाख रुपए जमा किए जाएंगे. उससे ज्यादा की राशि दूसरे अकाउंट में जमा की जाएगी. इससे टैक्स का कैलकुलेशन आसान होगा.
प्रोविडेंट फंड को लेकर यह नियम 1 अप्रैल 2022 से लागू हो रहा है. सरकार का अनुमान है कि 1 लाख 23 हजार हाई इनकम इंडिविजुअल्स पर बदले नियम का असर होगा. सरकार के मुताबिक, ये लोग अब तक एक साल में औसतन 50 लाख से ज्यादा टैक्स फ्री इंट्रेस्ट कमा रहे थे. अब इनलोगों की ऐसी कमाई पर रोक लगेगी.
बजट 2021-22 पेश करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा था कि 2.5 लाख की लिमिट में एंप्लॉयी और एंप्लॉयर दोनों का कंट्रीब्यूशन शामिल है. बेसिक सैलरी का 10 या 12 फीसदी एंप्लॉयी जमा करता है. एंप्लॉयर अपने हिस्से में से 3.67 ईपीएफ में जमा करता है, जबकि EPS में 8.33 फीसदी जमा किया जाता है.
टैक्स का कैलकुलेशन आसान करने के लिए एक पीएफ कंट्रीब्यूटर के लिए दो पीएफ अकाउंट बनाए जाएंगे. इसके लिए इनकम टैक्स एक्ट में जरूरी बदलाव किए गए हैं. इसके बाद ही CBDT की तरफ से नोटिफिकेशन जारी किया गया था. इस नोटिफिकेशन के मुताबिक, 1 अप्रैल 2021 से जो वित्त वर्ष जारी है उसमें दोनों अकाउंट के लिए अलग-अलग इंट्रेस्ट का कैलकुलेशन किया जाएगा. हालांकि, इस नियम को 1 अप्रैल 2022 से प्रभाव में लाया जाएगा.
जिसका पीएफ कंट्रीब्यूशन 2.5 लाख से ज्यादा है उसके अकाउंट को पहले ही दो हिस्सों में बांटा जा चुका है. 1 अप्रैल से लागू होने का मतलब है कि चालू वित्त वर्ष में 2.5 लाख के अलावा एडिशनल कंट्रीब्यूशन पर जो इंट्रेस्ट इनकम हुई है, वह टैक्सेबल होगी. बता दें कि पीएफ में निवेश करने पर 80सी के तहत डिडक्शन का लाभ मिलता है जिसकी लिमिट 1.5 लाख रुपए है. इंट्रेस्ट इनकम पूरी तरह टैक्स फ्री है. नए नियम में केवल 2.5 लाख तक निवेश पर ही इंट्रेस्ट इनकम टैक्स फ्री होगी. इसके अलावा मैच्योरिटी पूरी तरह टैक्स प्री होता है.


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