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लो लेटेंसी की वजह से आनलाइन बफरिंग, गेमिंग और वीडियो कालिंग की क्वालिटी बेहतर हो जाती है।
सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट की डिमांड भारत समेत दुनियभार में तेज रफ्तार से बढ़ रही है।एलन मस्क की स्टारलिंक कंपनी इस मामले में सबसे आगे है। स्टारलिंक भारत में अपनी सर्विस शुरू करना चाहती है। लेकिन फिलहाल कंपनी को सरकारी इजाजत का इंतजार है। इसी बीच भारती एयरटेल (Bharti Airtel) कंपनी एलन मस्क की टक्कर में उतर आयी है।
Airtel पेश करेगी सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस
भारती एयरटेल (Bharti Airtel) ने ह्यूजेज कम्यूनिकेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटे (HCIPL) के साथ मिलकर एक ज्वाइंट वेंचर बनाया है, जिससे भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस उपलब्ध करायी जाएगी। इस मामले में कंपनी ने बुधवार को जानकारी दी। दोनों कंपनियां VSAT ऑपरेशन के जरिए बिजनेस और सरकारी कस्टमर को सैटेलाइट और हाइब्रिड नेटवर्क उपलब्ध कराएंगी। इस ज्वाइंट वेंचर का ऐलान मई 2019 में हुआ है। जिसे नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NClT) और डिपॉर्टेमेंट ऑफ टेलिकॉम (DoT) की तरफ से सभी तरह की मंजूरी मिल गई है।
बता दें कि HCIPL भारत का सबसे बड़ा सैटेलाइट सर्विस ऑपरेटर है। इसके पास करीब 2 लाख से ज्यादा VSAT मौजूद हैं। HCPIL की तरफ से नेटवर्किंग टेक्नोलॉजी, सॉल्यूशन एंड सर्विस को ब्रॉडबैंड उपलब्ध कराया जाता है। इसमें सरकारी ऑफिस, बैंकिंग,एयरोनॉटिक्स और maritime मोबिलिटी के साथ ही मीडियम साइज बिजनेस, एजूकेशन और टेलिकॉम बैकअप शामिल हैं।
क्या है सैटेलाइट इंटरनेट
सैटेलाइट इंटरनेट (Satellite Internet) दूरदराज के इलाकों में वायरलेस तरीके से हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी देता है। सैटेलाइट इंटरनेट में वायर से नहीं, बल्कि लेजर बीम का इस्तेमाल कर डाटा ट्रांसफर करता है। इसके लिए लोअर आर्बटि सैटेलाइट (Lower Orbit Satellite) का इस्तेमाल किया जाता है। लोअर आर्बटि सैटेलाइट की वजह से लेटेंसी दर काफी कम हो जाती है। लेटेंसी दर का मतलब उस समय से होता है, जो डाटा को एक प्वाइंट से दूसरे तक पहुंचाने में लगता है। लो लेटेंसी की वजह से आनलाइन बफरिंग, गेमिंग और वीडियो कालिंग की क्वालिटी बेहतर हो जाती है।
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