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एयर इंडिया निजीकरण: दिसंबर तक बन जाएगी प्राइवेट कंपनी, कर्मचारियों ने दी ये धमकी

jantaserishta.com
14 Oct 2021 8:16 AM GMT
एयर इंडिया निजीकरण: दिसंबर तक बन जाएगी प्राइवेट कंपनी, कर्मचारियों ने दी ये धमकी
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नई दिल्ली: Air India के प्राइवेटाइजेशन के बाद अब कंपनी की कॉलोनियों में रहने वाले कर्मचारियों पर मकान खाली करने की तलवार लटक रही है. ऐसे में एअर इंडिया के कर्मचारी संगठन जॉइंट एक्शन कमेटी ऑफ एअर इंडिया यूनियंस, एअर इंडिया एम्प्लॉइज यूनियन, एविएशन इंडस्ट्री एम्प्लॉइज गिल्ड और ऑल इंडिया सर्विस इंजीनियर्स एसोसिएशन ने इसके विरोध में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की धमकी दी है.

एअर इंडिया के कर्मचारी संगठनों का कहना है कि अगर कर्मचारियों पर मकान खाली करने का दबाव बनाया जाता है तो वो 2 नवंबर से अनिश्चित काल की हड़ताल पर चले जाएंगे. कर्मचारी संगठनों ने इस संबंध में Air India की जनरल मैनेजर (इंडस्ट्रियल रिलेशंस) मीनाक्षी कश्यप को गुरुवार को एक पत्र भी लिखा है.
कर्मचारी संगठनों ने अपने पत्र में लिखा है कि उन्हें कंपनी की ओर से एक नोटिस मिला है, जिसमें उनसे 20 अक्टूबर तक इस बात पर अंडरटेकिंग देने के लिए कहा गया है कि एअर इंडिया के प्राइवेट कंपनी बन जाने के बाद छह महीने के भीतर वो अपना मकान खाली कर देंगे. कर्मचारी संगठन कंपनी के इस तरह के नोटिस से 'हतप्रभ' हैं.
हाल में सरकार के निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) ने Air India का सफल विनिवेश पूरा किया है. Tata Sons ने इस एयरलाइंस के लिए 18,000 करोड़ रुपये की सबसे अधिक बोली लगाकर अपनी इस विरासत को 68 साल बाद फिर से हासिल कर लिया. टाटा ग्रुप को एअर इंडिया की 100% हिस्सेदारी के साथ उसकी सब्सिडियरी एअर इंडिया एक्सप्रेस और AI-SATS में भी सरकार की पूरी हिस्सेदारी मिली है. एअर इंडिया का विनिवेश दिसंबर 2021 तक पूरा कर लिया जाएगा.
कर्मचारी संगठनों ने प्रबंधन को लिखे पत्र में कहा है कि मकान खाली करने का नोटिस भेजना एक श्रम कानूनों के तहत एक 'अनुचित' काम है. कर्मचारी संगठनों का कहना है, 'इस बात पर ध्यान दिया जाना चाहिए कि कॉलोनियों में स्टाफ के कर्मचारी आम तौर पर अपने परिवार के साथ रिटायरमेंट तक रहते हैं और इस तरह उन्हें उनके घर से दूर करने का निर्णय एकतरफा है. ये कर्मचारियों का कानूनी अधिकार है और कई दशकों से उनके सर्विस कंडीशन का हिस्सा भी.'
कर्मचारियों का कहना है कि मुंबई में कंपनी की कॉलोनी में घर उन लोगों को दिया जाता है, जिनके पास खुद का घर नहीं है. इसके एवज में उन्हें एचआरए नहीं मिलता है, साथ महीने के कई तरह के चार्जेस भी उन्हें देने होते हैं. अब कंपनी के प्राइवेट होने के समय अगर उनसे ये घर छीन लिया जाता है तो कर्मचारी और उनके परिवार सड़कों पर आ जाएंगे. क्योंकि मुंबई में किराये पर नया घर लेना उनके लिए असंभव होगा.
All India Service Engineers Association के प्रेसिडेंट विलास गिरिधर ने इंडिया टुडे टीवी से कहा कि कोविड महामारी के समय यदि कर्मचारियों के पास रहने के लिए कॉलोनी के मकान ना होते तो वो एअर इंडिया की सेवाएं चलाना मुश्किल हो जाता. कॉलोनी के एयरपोर्ट के पास होने की वजह से ही ये काम मुमकिन हो सका. कर्मचारी यूनियंस का कहना है कि अगर मकान खाली करने के नोटिस को वापस नहीं लिया गया तो 2 नवंबर से वो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे.
वर्तमान में एअर इंडिया के 12,085 कर्मचारी हैं. इसमें 8,084 स्थायी और 4,001 कॉन्ट्रैक्ट पर हैं. जबकि एअर इंडिया एक्सप्रेस के कर्मचारियों की संख्या 1,434 है. पिछले हफ्ते सरकार ने जब एअर इंडिया की बोली टाटा संस के जीतने की घोषणा की थी, तब कहा था कि कर्मचारियों से जुड़ी सभी चिंताओं का पूरा ध्यान रखा जाएगा. इसमें प्रोविडेंट फंड, ग्रेच्युटी, रिटायरमेंट के बाद स्वास्थ्य सुविधाएं शामिल हैं.


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