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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Air Fare Hike: हवाई यात्रियों की आने वाले दिनों में जेब और ढीली हो सकती है. स्पाइसजेट के बाद अब एक और एयरलाइन कंपनी टिकटों के दाम बढ़ाने जा रही है. शुक्रवार को इंडिगो एयरलाइंस ने तेल की बढ़ती कीमतों पर चिंता जताते हुए टिकट की कीमतें बढ़ाने की बात कर रही है.
एयरलाइन ने कहा कि मौजूदा स्थिति एविएशन सेक्टर पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है. हालांकि एयरलाइंस कंपनियों ने केंद्र सरकार से टैक्स घटाने और एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) को जीएसटी के तहत लाने की मांग की है ताकि उनको इनपुट टैक्स क्रेडिट का फायदा मिल सके.
ATF को GST के तहत लाने की मांग
एक बयान में इंडिगो ने कहा, 'एविएशन सेक्टर की रिकवरी के लिए और सभी के लिए उड़ान को व्यवहार्य बनाने के लिए, हम सरकार से एटीएफ को जीएसटी के तहत लाने का अनुरोध करते हैं ताकि इनपुट टैक्स क्रेडिट का फायदा उठाया जा सके.'
एयरलाइन ने आगे कहा कि कच्चे तेल की लगातार बढ़ रही कीमतें और रुपये की गिरती वैल्यू के कारण एविएशन सेक्टर पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. गुरुवार को स्पाइसजेट ने हवाई टिकटों की कीमतों में 10-15 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने की बात कही थी. गुरुवार को एयर फ्यूल की कीमतों में 16.3 प्रतिशत का इजाफा हुआ था, जिसके बाद एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था.
6 महीने में कीमतों में कई गुना इजाफा
बता दें कि एटीएफ 1.41 लाख रुपये प्रति किलोलीटर पर एयरलाइनों के लिए उपलब्ध है. इस साल की शुरुआत में यह 72,062 रुपये प्रति किलोलीटर था और पिछले छह महीनों में एटीएफ की कीमतों में कई गुना इजाफा हुआ है. फ्यूल की कीमतें बढ़ने और डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में गिरावट होने के बाद स्पाइसजेट के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर अजय सिंह ने किराये में 10-15 प्रतिशत इजाफे की बात कही थी ताक एयरलाइंस का सुचारू रूप से संचालन हो सके.
उन्होंने एक बयान में कहा था, 'जेट फ्यूल की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी और रुपये में गिरावट के कारण घरेलू एयरलाइंस के पास काफी कम विकल्प बचे हैं और तुरंत किराया बढ़ाने की जरूरत है. हमें लगता है कि हवाई किराये में 10-15 प्रतिशत इजाफा जरूरी है ताकि संचालन किया जा सके.'
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